कक्ष निरीक्षकों का भर दिया फर्जी आंकड़ा, शिकंजा कसा तो कह रहे कोरोना में नौकरी छोड़कर भाग गए शिक्षक, वित्तविहीन स्कूलों की करतूत
चंदौली। यूपी बोर्ड परीक्षा में बेसिक शिक्षा स्कूलों के अध्यापकों को कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी करनी पड़ रही। इसके लिए वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों की लापरवाही जिम्मेदार है। वित्तविहीन स्कूलों ने बोर्ड के पोर्टल पर कक्ष निरीक्षकों की फर्जी ड़िटेल अपलोड कर दी। परीक्षा के समय जब कक्ष निरीक्षक केंद्रों पर ड्यूटी करने नहीं पहुंचे तो हाय-तौबा मच गई। प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों की ड्यूटी लगाकर किसी तरह स्थिति संभालनी पड़ी। बोर्ड ने इसको गंभीरता से लेते हुए ऐसे स्कूलों को चिह्नित कर स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया है। स्कूलों की मान्यता भी छिन सकती है। स्कूल संचालक अब हलावा दे रहे हैं कि कोरोना की वजह से शिक्षक नौकरी छोड़कर भाग गए। ऐसे में उनका कोई दोष नहीं है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद ने हाईस्कूल व इंटर की बोर्ड परीक्षा में पारदर्शिता के लिए कक्ष निरीक्षकों की आनलाइन ड्यूटी लगाने की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके लिए स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों का डेटा मांगा गया था। वित्तविहीन स्कूलों ने परिषद के पोर्टल पर फर्जी डेटा अपलोड कर दिया। जब परीक्षा शुरू हुई तो कक्ष निरीक्षक केंद्रों पर ड्यूटी प्राप्त करने नहीं पहुंचे। इससे मुश्किल खड़ी हो गई। माध्यमिक शिक्षा विभाग को आनन-फानन में बेसिक स्कूल के शिक्षकों की ड्यूटी लगानी पड़ी। बोर्ड ने इसको गंभीरता से लिया है। ऐसे विद्यालयों की पड़ताल की जा रही है, जिन्होंने ऐसा किया। उनके खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है। जिला विद्यालय निरीक्षक डा. वीपी सिंह ने बताया कि वित्तविहीन स्कूलों ने फर्जी डेटा अपलोड किया था। बेसिक स्कूलों के शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। सभी केंद्रों पर सुचारू रूप से परीक्षा संचालित हो रही है।
बेसिक स्कूलों की परीक्षा व पठन-पाठन में आई मुश्किल
बोर्ड परीक्षा के दौरान ही प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों की भी परीक्षा चल रही थी। बेसिक स्कूलों के शिक्षकों की ड्यूटी बोर्ड परीक्षा में लगाए जाने से बेसिक स्कूलों के बच्चों की वार्षिक परीक्षा व पठन-पाठन में मुश्किलें आईं।