ड्रोन की मदद से खेती होगी आसान, कृषि विभाग उपकरण खरीदने को दिलाएगा वित्तीय सहायता 

 
कृषि को तकनीकी से जोड़कर अधिक उत्पादन के साथ ही किसानों की आय बढ़ाने की कवायद में सरकार जुटी है। अब ड्रोन के जरिए खेती को आसान बनाने की कवायद की जा रही है। इसको बढ़ावा देने के लिए ड्रोन की खरीद करने वाले एफपीओ व स्वयंसेवी संस्थाओं को सौ फीसद तक वित्तीय सहायता दिलाने की व्यवस्था की गई है। ईच्छुक संस्थाओं को इसके लिए कृषि विभाग में आवेदन करना होगा। 
 

चंदौली। कृषि को तकनीकी से जोड़कर अधिक उत्पादन के साथ ही किसानों की आय बढ़ाने की कवायद में सरकार जुटी है। अब ड्रोन के जरिए खेती को आसान बनाने की कवायद की जा रही है। इसको बढ़ावा देने के लिए ड्रोन की खरीद करने वाले एफपीओ व स्वयंसेवी संस्थाओं को सौ फीसद तक वित्तीय सहायता दिलाने की व्यवस्था की गई है। ईच्छुक संस्थाओं को इसके लिए कृषि विभाग में आवेदन करना होगा। 

कृषि उपनिदेशक विजेंद्र कुमार ने बताया कि शासन स्तर से किसानों को ड्रोन के जरिए दवा के छिड़काव व अन्य तरह से खेती में इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षण और प्रदर्शन का निर्देश दिया गया है। स्वयंसेवी संस्थाएं अथवा एफपीओ इसकी खरीद कर सकती हैं। इसके लिए संस्थाओं को आवेदन करना होगा। ड्रोन की खरीद पर सौ फीसद तक वित्तीय सहायता मिलेगी। 

ड्रोन से दवा का छिड़काव आसान 
दरअसल, खेत में खड़ी फसल में दवा व खाद आदि का छिड़काव करने में किसानों को दिक्कत होती है। इसमें श्रम अधिक लगता है, लेकिन परिणाम उतने अच्छे नहीं होते हैं। ऐसे में ड्रोन तकनीकी काफी कारगर साबित हो रही है। ड्रोन कैमरा खेत के ऊपर उड़कर दवा का छिड़काव करता है। इसको रिमोट के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है। इससे कम समय में अधिक काम होता है। वहीं सहूलियत भी होती है। फिलहाल, कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से प्रयोग के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। 

कृषि स्नातक को पांच लाख की वित्तीय सहायता 
कृषि उपनिदेशक ने बताया कि स्वयंसेवी संस्थाओं व एफपीओ के साथ ही कृषि से स्नातक की डिग्री हासिल कर चुके युवा भी विभाग की इस मुहिम से जुड़ सकते हैं। उन्हें ड्रोन खरीदने के लिए पांच लाख तक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। उन्हें इसके काम करने के तरीके व तकनीकी के बारे में किसानों को प्रशिक्षित करना होगा।