डीएम पहुंचे संयुक्त चिकित्सालय, डाक्टर व स्टाफ मिले गैरहाजिर, रुका वेतन, मांगा स्पष्टीकरण

शासन की लाख सख्ती के बावजूद अस्पतालों में चिकित्सा सुविधा पटरी पर नहीं आ रही। जिलाधिकारी संजीव सिंह मंगलवार की सुबह-सुबह चकिया जिला संयुक्त चिकित्सालय पहुंचे तो इसकी बानगी देखने को मिली। ओपीडी के बाहर मरीजों की लाइन लगी थी, लेकिन कई चिकित्सक व स्टाफ नदारद मिले।
 

चंदौली। शासन की लाख सख्ती के बावजूद अस्पतालों में चिकित्सा सुविधा पटरी पर नहीं आ रही। जिलाधिकारी संजीव सिंह मंगलवार की सुबह-सुबह चकिया जिला संयुक्त चिकित्सालय पहुंचे तो इसकी बानगी देखने को मिली। ओपीडी के बाहर मरीजों की लाइन लगी थी, लेकिन कई चिकित्सक व स्टाफ नदारद मिले। इस पर उन्होंने सभी का एक दिन का वेतन रोकने के साथ ही स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया। 

डीएम सुबह आठ बजे संयुक्त चिकित्सालय पहुंचे। ओपीडी, जनरल वार्ड, आपरेशन कक्ष, नेत्र रोग विशेषज्ञ, पंजीकरण कक्ष, दवा वितरण कक्ष का अवलोकन किया। ओपीडी में डाक्टरों के चेंबर के बाहर मरीजों की लाइन लगी थी, लेकिन कई चिकित्सक व मेडिकल स्टाफ गायब थे। उन्होंने मरीजों से बातकर अस्पताल में मिलने वाली चिकित्सा सुविधा के बारे में जानकारी ली। स्वास्थ्यकर्मियों के गायब रहने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी का एक दिन का वेतन रोकने के साथ ही नोटिस भेजकर जवाब मांगने का निर्देश सीएमएस को दिया।

कहा कि चिकित्सक को भगवान का रूप समझा जाता है। मरीज भटक रहे हैं, लेकिन डाक्टर मौजूद नहीं हैं। ऐसी लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। उन्होंने हिदायत दी कि सभी चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी समय से अस्पताल आकर ड्यूटी करें। मरीजों को शासन की मंशा के अनुरूप बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने चिकित्सकों को चेताया कि किसी भी सूरत में मरीजों को बाहर की दवा न लिखें। यदि अस्पताल में मुफ्त दवा न हो तो जनऔषधि केंद्र के मंगाकर मरीजों को उपलब्ध कराई जाए। इसके बाद डीएम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। उन्होंने अस्पताल में सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आटो एनएन लाइजर मशीन काफी दिनों पहले मंगाए जाने के बावजूद अभी तक चालू न करने पर नाराजगी जताई। प्रभारी को इसे तत्काल चालू कराने के निर्देश दिए।