शिशु को छह माह तक कराएं सिर्फ स्तनपान, गांव-गांव चलाया जा रहा जागरुकता अभियान 

नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य व पोषण को लेकर बाल विकास विभाग ने कवायद की है। गांव-गांव अभियान चलाकर छह माह तक के बच्चों को सिर्फ स्तनपान कराने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
 

चंदौली। नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य व पोषण को लेकर बाल विकास विभाग ने कवायद की है। गांव-गांव अभियान चलाकर छह माह तक के बच्चों को सिर्फ स्तनपान कराने के लिए जागरूक किया जा रहा है। उन्हें यह भी बताया जा रहा कि गर्मी की वजह से किसी भी हाल में बच्चों को पानी न पिलाएं, सिर्फ स्तनपान कराएं। 

जिला कार्यक्रम अधिकारी जया त्रिपाठी ने कहा कि गर्मी के दिन में बच्चों का गला सूखने लगता है। ऐसे में माताएं पानी पिलाने लगती हैं। हालांकि, छह माह तक के बच्चों के लिए स्तनपान बेहद जरूरी है। कहा कि इसको लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां व मान्यताएं हैं। इसकी वजह से ऐसा नहीं हो पाता है। अक्सर देखने में आता है कि शिशुओं को घुट्टी, शहद, चीनी-पानी का घोल पिलाया जाता है। इससे शिशु कई प्रकार के संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं। बताया कि मां के दूध में अन्य पोषक तत्वों के साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी भी रहता है। ऐसे में स्तनपान से ही पानी की कमी पूरी हो जाती है। इसके अलावा यदि शिशु को पानी पिलाया जाए तो संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। बताया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार उत्तर प्रदेश में केवल स्तनपान की दर 59.7 फीसद तो भारत में 63.7 प्रतिशत है। इसको शत-प्रतिशत करने की जरूरत है। 

इन विभागों की जिम्मेदारी 
अभियान में बाल विकास के साथ ही स्वास्थ्य, बेसिक व माध्यमिक शिक्षा, पंचायती राज, ग्राम्य विकास, खाद्य व रसद विभाग, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन व आयुष विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है।