चंदौली में सरकारी बीज गोदामों में पहुंचा धान का बीज, उन्नत प्रजाति की खेती से बढ़ेगी अन्नदाताओं की आय
चंदौली। धान के कटोरे में खरीफ की खेती की तैयारी शुरू हो गई है। जिले में 886 क्विंटल धान का बीज मंगाया गया है। सरकारी बीज गोदामों से उन्नत प्रजाति के बीज की बिक्री होगी। इसके लिए किसानों को निर्धारित कीमत अदा करनी होगी। उन्नत प्रजाति की खेती से किसानों को अधिक उत्पादन मिलेगा। इससे उनकी आय बढ़ेगी।
धान की दस तरह की प्रजातियों का बीज मंगाया
कृषि विभाग की ओर से धान की प्रजाति मालवीय सुगंघा एचयूआर 917, सांभा सब-वन, पीआर 121 व एमटीयू 7029 समेत 10 प्रकार की उन्नत प्रजातियों के बीज मंगाए गए हैं। इन्हें ब्लाक स्तर पर राजकीय बीज गोदामों पर पहुंचाया गया है। यहां से किसानों को बीज की बिक्री की जाएगी। इसके लिए किसानों को निर्धारित कीमत चुकानी होगी।
शोधित बीज के इस्तेमाल के कई तरह के लाभ
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार नर्सरी डालते समय बीज शोधन बेहद जरूरी है। इससे फसल में रोग की आशंका नहीं रहती है। बीज शोधन न होने पर धान की फसल में झुलसा, खैरा समेत तमाम तरह के रोग लगते हैं। इससे पौधों को काफी नुकसान होता है। वहीं उत्पादन भी प्रभावित होता है। वैसे, जिला धान के उत्पादन में प्रदेश में काफी आगे है।
सवा लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में होती है खेती
जिले में लगभग सवा लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की खेती होती है। वहीं लगभग चार लाख एमटी से अधिक उत्पादन होता है। दरअसल, जिले में नहरों का जाल बिछा हुआ है। वहीं चकिया व नौगढ़ इलाके में स्थित विशालकाय बाधों से निकली नहरें व माइनरों की बदौलत खेत लबालब रहते हैं। इससे धान की खेती काफी आसान है।
एमटीयू 7029 की अधिक डिमांड
सर्वाधिक उत्पादन देने वाली धान की प्रजाति एमटीयू 7029 की जिले में सबसे अधिक डिमांड है। दरअसल, यहां खेतों में नवंबर माह तक पानी भरा रहता है। इस प्रजाति को पककर तैयार होने में समय लगता है। इसलिए अधिकांश किसान इस प्रजाति की खेती करते हैं।