भदोही : जिला पंचायत अध्यक्ष पद के भाजपा उम्मीदवार अमित सिंह प्रिंस से पार्टी ने वापस ली उम्मीदवारी
रिपोर्ट : मिथिलेश द्विवेदी
भदोही। यह थी भाजपा की स्क्रिप्ट। किसने लिखी थी मत पूछिये लेकिन हिन्दी फीचर फिल्मों की क्लाइमेक्स की तरह सस्पेंस से भरपूर इस स्क्रिप्ट में अंततः वही हुआ जिसकी संभावना जतायी जा रही थी। भदोही जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अभी मतदान शेष है। भाजपा के बागी और निर्दल प्रत्याशी के तौर पर अनिरूद्ध त्रिपाठी और अमित सिंह प्रिंस के बीच जंग तय है, लेकिन आज एक रोमांचक घटनाक्रम में भाजपा विधायक रविन्द्रनाथ त्रिपाठी के हौसले की जीत हो गयी और प्रत्याशी को लेकर भाजपा ने खुद को सरेंडर करते हुए अमित सिंह प्रिंस से भाजपा की उम्मीद्वारी वापस ले ली है। भाजपा जिलाध्यक्ष विनय श्रीवास्तव ने बाकायदा मीडिया के सामने यह जानकारी दी।
आपको बता दें कि इस पूरे नाटकीय घटनाक्रम से भाजपा के कार्यकर्ता आधारित पार्टी होने का दंभ भी चकनाचूर हो गया है। जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में इसी भाजपा ने अनिरूद्ध त्रिपाठी, चंद्रभूषण त्रिपाठी पप्पू और सचिन त्रिपाठी को महज इसलिए समर्थन नहीं दिया था क्यों कि यह सभी विधायक के परिवार के थे। भाजपा ने परिवार के कारण इन्हें कार्यकर्ता मानने से इंकार कर दिया था। साथ ही पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखा दिया था। सचिन हार गये लेकिन अनिरूद्ध त्रिपाठी और चंद्रभूषण ने जीत के साथ विधायक परिवार की लाज रख ली।
जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा ने अमित सिंह को उतारा और सपा की श्याम कुमारी मौर्या आयीं, लेकिन भाजपा विधायक रविन्द्रनाथ त्रिपाठी के हौसले के पासा ही पलट गया। पहले सपा की श्याम कुमारी मौर्या को प्रस्तावक और अनुमोदक तक नहीं मिले और अब कार्यकर्ता आधारित इस पार्टी से प्रत्याशी अमित सिंह प्रिंस की उम्मीद्वारी वापस ले ली गयी।
सूत्रों के मुताबिक अमित सिंह को आज भाजपा की ओर से अपना पर्चा वापस लेने को कहा गया, लेकिन वह दूर होने का हवाला देकर नहीं पहुंचे, जबकि भाजपा जिलाध्यक्ष ने कार्यकर्ता से उम्मीदवारी वापस लेने में तनिक भी विलंब नहीं किया। अब निर्दल के तौर पर अनिरूद्ध और अमित की जंग तय हो चुकी है। परिणाम चाहे जो भी हो लेकिन कुल मिलाकर यहां भाजपा विधायक रविन्द्रनाथ त्रिपाठी के हौसले के आगे भाजपा नतमस्तक हो गयी और जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव का समूचा पासा ही पलट गया।