भदोही : राजकीय चिकित्साधिकारी ने कलेक्ट्रेट में कर्मचारियों को बताया हार्ट अटैक आने पर CPR का तरीका, DM और SP रहे मौजूद 

अक्सर ऐसा होता है कि हार्ट अटैक आने पर समय से स्वास्थ्य सेवा न मिलने पर व्यक्ति अकाल मौत के गाल में समा जाता है। वहीं यदि कोई व्यक्ति इस दौरान सीपीआर यानी कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन के बारे में जानता है तो वह उस व्यक्ति की जान बचाने में अहम् भूमिका निभा सकता है। ऐसे में भदोही कलेक्ट्रेट में बुधवार को राजकीय चिकित्साधिकारी डॉक्टर शिवशक्ति प्रसाद द्विवेदी ने कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों को सीपीआर यानी कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन (Cardiopulmonary resuscitation) के बारे में अवगत कराया। इस दौरान जिलाधिकारी आर्यका अखौरी और एसपी डॉ अनिल कुमार मौजूद रहे। 
 

भदोही। अक्सर ऐसा होता है कि हार्ट अटैक आने पर समय से स्वास्थ्य सेवा न मिलने पर व्यक्ति अकाल मौत के गाल में समा जाता है। वहीं यदि कोई व्यक्ति इस दौरान सीपीआर यानी कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन के बारे में जानता है तो वह उस व्यक्ति की जान बचाने में अहम् भूमिका निभा सकता है। ऐसे में भदोही कलेक्ट्रेट में बुधवार को राजकीय चिकित्साधिकारी डॉक्टर शिवशक्ति प्रसाद द्विवेदी ने कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों को सीपीआर यानी कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन (Cardiopulmonary resuscitation) के बारे में अवगत कराया। इस दौरान जिलाधिकारी आर्यका अखौरी और एसपी डॉ अनिल कुमार मौजूद रहे। 

बच सकती हैं कई जानें 
इस दौरान राजकीय चिकित्साधिकारी डॉक्टर शिवशक्ति प्रसाद द्विवेदी ने बताया कि सीपीआर इमरजेंसी की हालत में इस्तेमाल की जाने वाली एक मेडिकल थैरेपी की तरह है, जिससे कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। सीपीआर का पूरा नाम फुल फॉर्म कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन(Cardiopulmonary resuscitation) है। इससे कार्डियक अरेस्ट और सांस न ले पाने जैसी आपातकालीन स्थिति में व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। सीधे शब्दों में कहें तो कई बार किसी व्यक्ति की अचानक सांस रुक जाती है या फिर कार्डिएक अरेस्ट की स्थिति में किसी को सांस नहीं आता है तो सीपीआर दिया जाता है, जिसकी वजह से लोगों की जान बचाई जा सकती है। 

शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाता है सीपीआर 
उन्होंने बताया कि एक तरह से सीपीआर में बेहोश व्यक्ति को सांसें दी जाती हैं, जिससे फेफड़ों को ऑक्सीजन मिलती है। साथ ही इससे शरीर में पहले से मौजूद ऑक्सीजन वाला खून संचारित होता रहता है, जैसे अगर व्यक्ति की सांस या धड़कन रुक गई है तो पर्याप्त ऑक्सीजन के बिना शरीर की कोशिकाएं बहुत जल्द खत्म होने लगती हैं। वहीं, इसका असर दिमाग पर भी पड़ता है, जिससे गंभीर कई बार व्यक्ति की मौत भी हो जाती है। ऐसी स्थिति में अगर सीपीआर दिया जाता है तो कई जानें बचाई जा सकती हैं। 

यह कोई दवा या इंजेक्शन नहीं 
उन्होंने कहा कि इससे जान बचने की संभावना बढ़ जाती है एवं सीपीआर कोई दवा या इंजेक्शन नहीं है। यह एक तरह की प्रक्रिया है, जिसे मरीज के शरीर पर इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रक्रिया में व्यक्ति की सांस रुक जाने पर सांस वापस लाने तक या दिल की धड़कन सामान्य हो जाने तक छाती को दबाया जाता है, जिससे शरीर में पहले से मौजूद वाला खून संचारित होने लगता है। 

DM ने की सराहना 
इस अवसर पर जिलाधिकारी भदोही आर्यका अखौरी एवं एसपी भदोही डॉक्टर अनिल कुमार, ने डॉक्टर द्विवेदी के  उनके अभूतपूर्व कार्य करने के लिये उनकी सराहना एवं शुभकामना प्रदान की साथ ही साथ उनके उज्जवल भविष्य की कामना की कार्यशाला का संचालन अतिरिक्त जिलाधिकारी भदोही शैलेंद्र कुमार मिश्र ने किया।