श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण की चौथी वर्षगांठ पर गंगाद्वार से हुई विशेष आरती, समृद्धि और राष्ट्रकल्याण की कामना

श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण की चौथी वर्षगांठ के पावन अवसर पर नमामि गंगे अभियान की ओर से गंगाद्वार से काशी विश्वनाथ और मां गंगा की भव्य आरती उतारी गई। इस आध्यात्मिक आयोजन के माध्यम से राष्ट्र की समृद्धि, जनकल्याण और पर्यावरण संरक्षण की कामना की गई। गंगाद्वार से बाबा विश्वनाथ को शीश नवाते हुए श्रद्धालुओं ने सनातन परंपरा और सांस्कृतिक विरासत के प्रति अपनी आस्था प्रकट की।
 

वाराणसी। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण की चौथी वर्षगांठ के पावन अवसर पर नमामि गंगे अभियान की ओर से गंगाद्वार से काशी विश्वनाथ और मां गंगा की भव्य आरती उतारी गई। इस आध्यात्मिक आयोजन के माध्यम से राष्ट्र की समृद्धि, जनकल्याण और पर्यावरण संरक्षण की कामना की गई। गंगाद्वार से बाबा विश्वनाथ को शीश नवाते हुए श्रद्धालुओं ने सनातन परंपरा और सांस्कृतिक विरासत के प्रति अपनी आस्था प्रकट की।

इस अवसर पर विश्वनाथ धाम परिसर में विराजित पुण्यश्लोक माता अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा के समक्ष भी श्रद्धापूर्वक नमन किया गया। आयोजन के दौरान गंगा निर्मलीकरण, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए बाबा विश्वनाथ से विशेष आशीर्वाद मांगा गया। “ॐ जय शिव ओंकारा”, “द्वादश ज्योतिर्लिंग” और “हर हर महादेव, शंभू काशी विश्वनाथ गंगे” के गगनभेदी जयघोष से पूरा धाम गुंजायमान हो उठा, जिससे माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया।

नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक एवं नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर राजेश शुक्ला ने इस अवसर पर कहा कि काशी देवभूमि है और यह मोक्ष प्रदान करने वाली पावन नगरी समर्पण, संस्कार और संस्कृति का जीवंत स्वरूप है। उन्होंने कहा कि काशी केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में साधना का केंद्र रही है, जहां द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख बाबा विश्वनाथ अनादिकाल से गंगा तट पर विराजमान हैं।

राजेश शुक्ला ने कहा कि भव्य, नव्य और दिव्य काशी विश्वनाथ धाम आज अपनी सांस्कृतिक दिव्यता के साथ देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को आकर्षित और मंत्रमुग्ध कर रहा है। बाबा विश्वनाथ का अलौकिक दरबार तन और मन दोनों को प्रफुल्लित करता है। सनातन मान्यताओं के अनुसार पृथ्वी और स्वर्ग के मध्य काशी को एक महान तीर्थ माना गया है, जहां देवी-देवताओं और महापुरुषों का आगमन भक्ति भाव से होता रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद बनारस की आर्थिक और सामाजिक तस्वीर में बड़ा बदलाव आया है। इस धाम ने न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत किया है, बल्कि सनातन धर्मावलंबियों को एक सूत्र में बांधने का कार्य भी किया है। प्रधानमंत्री और काशी के सांसद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज गर्व से कहा जा सकता है “आओ, देखो और घूमो हमारी काशी।” इस आयोजन में साध्वी शर्मा, शिवांगी मिश्रा, राहुल सिंह, सरोजिनी यादव, शिवांग जायसवाल सहित नमामि गंगे से जुड़े पदाधिकारी और बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं नागरिक उपस्थित रहे।