वाराणसी : घर की रसोई से सजा मणि मंदिर, 51 क्विंटल प्रसाद का लगा भोग, उमड़े भक्त 

अन्नकूट के पावन अवसर पर दुर्गाकुण्ड, धर्मसंघ स्थित मणि मंदिर घर की रसोई से सजाया गया। गृहस्थों ने घर की रसोई में बने विविध पकवानों से प्रभु को भोग अर्पित किया। यह पहला अवसर है, जब अन्नकूट पर्व पर गृहस्थों की ओर से बनाए गए पकवानों से ठाकुरजी को भोग की झांकी सजाई गई। इसके लिए सुबह छह बजे से ही भक्तों की ओर से थाली में पकवान लाने का सिलसिला शुरू हो गया था। सैकड़ों की संख्या मे भक्तों ने घर की रसोई अपने आराध्य देव के चरणों में समर्पित किया। 
 

वाराणसी। अन्नकूट के पावन अवसर पर दुर्गाकुण्ड, धर्मसंघ स्थित मणि मंदिर घर की रसोई से सजाया गया। गृहस्थों ने घर की रसोई में बने विविध पकवानों से प्रभु को भोग अर्पित किया। यह पहला अवसर है, जब अन्नकूट पर्व पर गृहस्थों की ओर से बनाए गए पकवानों से ठाकुरजी को भोग की झांकी सजाई गई। इसके लिए सुबह छह बजे से ही भक्तों की ओर से थाली में पकवान लाने का सिलसिला शुरू हो गया था। सैकड़ों की संख्या मे भक्तों ने घर की रसोई अपने आराध्य देव के चरणों में समर्पित किया। 

51 क्विंटल प्रसाद का लगा भोग
अन्नकूट के अवसर पर मंदिर की तरफ से धर्मसंघ पीठाधीश्वर स्वामी शंकरदेव चैतन्य ब्रह्मचारी जी महाराज के सानिध्य में 51 क्विंटल प्रसाद का भोग लगाया गया। भोग में 56 प्रकार के व्यंजनों से प्रभु की छप्पन भोग झांकी सजाई गई। मंडप मे लड्डुओं से मंदिर का ढांचा बनाया गया था। यहां स्थापित राम दरबार, नर्वदेश्वर शिवलिंग, द्वादश स्फटिक शिवलिंग, मां अन्नपूर्णा, प्रथमेश गणपति, भगवती मां दुर्गा, राधा कृष्ण, स्वामी करपात्री जी महाराज सहित अन्य देव विग्रहों के समक्ष छप्पन भोग की झांकी सजाई गई। 

विविध धार्मिक अनुष्ठानों से चहकता रहा प्रांगण
अन्नकूट के अवसर पर मंदिर की आकर्षक सजावट की गई थी। विद्युत झालरों से समूचे प्रांगण को सजाया गया था। बाहर के कारीगरों की ओर से तैयार किए गए आभूषणों एवं वस्त्रादि से विग्रहों का श्रृंगार किया गया था। इस मौके पर अमावस्या तिथि से ही अखण्ड रामनाम संकीर्तन भी शुरू किया गया। सांयकाल पंडित जगजीतन पांडेय के आचार्यत्व मे देव विग्रहों की विराट आरती उतारी गई। 

बुधवार से मिलेगा प्रभु प्रसाद
अन्नकूट का प्रसाद बुधवार से मंदिर में ही वितरित किया जाएगा। इसके अलावा घर की बनी रसोई प्रभु को समर्पित करने वाले भक्तों को विशेष रूप से स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र एवं प्रसाद प्रदान कर उनका अभिनंदन किया जाएगा।

कांची शंकराचार्य ने दिया भक्तों को आशीष
कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य स्वामी शंकर विजयेंद्र सरस्वती मणि मंदिर पहुंचे और विग्रहों का दर्शन किया। इसके बाद उन्होंने अन्नकूट झांकी का भी दर्शन किया और श्रद्धालुओं को आशीष प्रदान किया। पंडित जगजीतन पांडेय ने उनका स्वागत किया।