कांचीपुरम तमिलनाडु में आयोजित होगी 'युवा धर्म संसद', काशी के युवाओं से जुड़ने की गई जुड़ने की अपील 

वाराणसी। सेवाज्ञ संस्थानम् सामाजिक ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया, जिसमें 12-13 सितंबर 2025 को तमिलनाडु के कांचीपुरम में आयोजित होने जा रही 'युवा धर्म संसद' की घोषणा की गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस को प्रोफेसर हरेंद्र राय और शिवम पांडे ने संबोधित किया, जिन्होंने संगठन के उद्देश्यों और इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने काशी के युवाओं से अधिक अधिक संख्या में इस आयोजन में शामिल होने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि यह आयोजन स्वामी विवेकानंद के शिकागो में दिए गए ऐतिहासिक वक्तव्य की स्मृति में एक वार्षिक उपक्रम है, जो युवाओं को सनातन धर्म की अवधारणा और जीवन के सर्वांगीण विकास में इसकी भूमिका पर विमर्श करने का मंच प्रदान करता है।
 

वाराणसी। सेवाज्ञ संस्थानम् सामाजिक ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया, जिसमें 12-13 सितंबर 2025 को तमिलनाडु के कांचीपुरम में आयोजित होने जा रही 'युवा धर्म संसद' की घोषणा की गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस को प्रोफेसर हरेंद्र राय और शिवम पांडे ने संबोधित किया, जिन्होंने संगठन के उद्देश्यों और इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने काशी के युवाओं से अधिक अधिक संख्या में इस आयोजन में शामिल होने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि यह आयोजन स्वामी विवेकानंद के शिकागो में दिए गए ऐतिहासिक वक्तव्य की स्मृति में एक वार्षिक उपक्रम है, जो युवाओं को सनातन धर्म की अवधारणा और जीवन के सर्वांगीण विकास में इसकी भूमिका पर विमर्श करने का मंच प्रदान करता है।

प्रोफेसर हरेंद्र राय ने बताया कि सेवाज्ञ संस्थानम् सामाजिक "माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्या" के मंत्र को अपनाते हुए विश्व बंधुत्व और भारतीय संस्कृति में निहित एकात्मता को बढ़ावा देने के लिए कार्य करता है। संगठन का लक्ष्य निष्ठावान युवाओं का निर्माण करना और सामाजिक जीवन के समग्र क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाना है।

उन्होंने कहा कि युवा धर्म संसद का आयोजन सप्तपुरियों (सात पवित्र नगरी) से शुरू किया गया है। काशी, अयोध्या, मथुरा, और हरिद्वार में चार सफल आयोजनों के बाद, वर्ष 2025 में यह कांचीपुरम में आयोजित होगा। प्रोफेसर राय ने कहा कि यह राष्ट्रीय संगोष्ठी धर्म की सैद्धांतिक और व्यावहारिक भूमिका को स्थापित करने का प्रयास करती है, जो युवाओं को जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए प्रेरित करती है।

शिवम पांडे ने कांचीपुरम को दक्षिण भारत का प्रमुख तीर्थ स्थल और मोक्षदायिनी नगरी बताया, जो शिव और विष्णु दोनों के लिए पवित्र है। यह नगरी प्राचीन चोल और पल्लव वंश की राजधानी रही और श्री कांची कामकोटी पीठम, जिसे भगवत्पाद श्री आदि शंकराचार्य ने स्थापित किया, के लिए प्रसिद्ध है। कांचीपुरम शिक्षा, कला, वास्तुकला, और तमिल संस्कृति का केंद्र होने के साथ-साथ भारतीय सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक है।

शिवम पांडे ने कहा कि कांचीपुरम में युवा धर्म संसद का आयोजन धर्मध्वजारोहण की पताका स्थापित करेगा, जो लोककल्याण, धर्मसंचार और नए धर्मयुग की खोज में एक स्वर्णिम अध्याय होगा। यह आयोजन सप्तमोक्ष पुरी और एक्यावन शक्तिपीठों में से एक कांचीपुरम की सांस्कृतिक धरोहर को और समृद्ध करेगा।