I CARE कार्यशाला के समापन कार्यक्रम को कुलपति ने किया संबोधित, 133 शिक्षकों ने की कार्यशाला में प्रतिभागिता
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में शिक्षकों के लिए आई केयर कार्यशाला का आयोजन किया गया था। जिसके समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि विद्यार्थियों के जीवन व भविष्य को सही दिशा देने में शिक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
शिक्षक के रूप में अपने अनुभवों को साझा करते हुए कुलपति ने कहा कि विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों के संवाद, शब्दों व संदेशों का बहुत गहरा प्रभाव होता है और कई बार ये जीवन को नई दिशा देने तक का काम करता है। उन्होंने शिक्षकों को विद्यार्थियों के प्रथम काउंसलर्स के रूप में विकसित करने के लिए आयोजित इस कार्यशाला में उत्साहपूर्ण प्रतिभागिता के लिए संकाय सदस्यों की सराहना की।
6 घंटे की यह कार्यशालाएं 5 दिन तक चलीं और इनमें 133 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। मनोवैज्ञानिक आत्मचेतना के माध्यम से सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए कार्य कर रही संस्था मानस के सहयोग से ये कार्यशालाएं आयोजित की गई। कार्यशाला के दौरान शिक्षकों को यह प्रशिक्षण दिया गया कि वे मनोवैज्ञानिक चुनौतियों के संबंध में अज्ञानता व जागरूकता की कमी से उत्पन्न होने वाले मानसिक स्वास्थ्य के विषयों से किस प्रकार निपटें।
मानस की संस्थापक निदेशक मीनाक्षी कीर्ताने, जिन्होंने कार्यशाला को संबोधित किया, उन्होंने बीएचयू के शिक्षकों की उत्साहजनक प्रतिभागिता पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने विद्यार्थियों व अपने सदस्यों के मानसिक व मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा उठाए जा रहे कदमों की भी सराहना की।
शुरुआत में इन कार्यशालाओं में छात्रावास समन्वयकों, प्रशासनिक संरक्षकों, संरक्षकों, विद्यार्थी सलाहकारों, विद्यार्थी कल्याण, जीवन कौशल तथा नेतृत्व क्षमता विकास समितियों के अध्यक्षों व पदाधिकारियों को शामिल किया गया है। छात्र अधिष्टाता प्रो. अनुपम कुमार नेमा तथा विद्यार्थी मामलों के सलाहकार कमान्डर (सेवानिवृत्त) सयनतन सान्याल ने कार्यशाला का सफल समन्वयन व आयोजन किया।