वसंत पंचमी : सरस्वती प्रतिमाओं को आकार देने में जुटे मूर्तिकार, मूर्तियों की महंगाई के बावजूद आर्डर की भरमार 

वसंत पंचमी का पर्व नजदीक है। ऐसे में मूर्तिकार विद्या व ज्ञान की देवी मां सरस्वती की प्रतिमाओं को आकार देने में जुट गए हैं। वक्त के साथ मैटेरियल महंगा होने की वजह से मूर्तियां भी महंगी हो गई हैं। इसके बावजूद आर्डर की कोई कमी नहीं है। कारीगर समय से पहले आर्डर पूरा करने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं। 
 

वाराणसी। वसंत पंचमी का पर्व नजदीक है। ऐसे में मूर्तिकार विद्या व ज्ञान की देवी मां सरस्वती की प्रतिमाओं को आकार देने में जुट गए हैं। वक्त के साथ मैटेरियल महंगा होने की वजह से मूर्तियां भी महंगी हो गई हैं। इसके बावजूद आर्डर की कोई कमी नहीं है। कारीगर समय से पहले आर्डर पूरा करने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं। 

मूर्तिकार उदय प्रताप पॉल ने बताया कि सरस्वती पूजा की तैयारी में जुटे हैं। मूर्तियों के रेट डिजाइन के हिसाब से अलग-अलग हैं। ज्यादार ट्रेडिशनल डिजाइन की डिमांड रहती है। कुछ प्रतिमाएं आर्किटेक्चरल डिजाइन वाली भी होती हैं। बताया कि मैटेरियल महंगा होने की वजह से प्रतिमाएं भी महंगी हुई हैं। समय कम है और काम बहुत ज्यादा है। इसलिए कारीगर पूरी शिद्दत से मूर्तियों को बनाने में जुटे हुए हैं। 

रूपशा बोस ने कहा कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को पूजते हैं। उस दिन मां को बिना खाए-पीए पुष्पांजलि अर्पित करते हैं। उनके सामने कलाकार, लेखक आदि आराधना करते हैं। पेन, घुंघरू, पुस्तक आदि मां के चरणों में समर्पित किया जाता है। बसंत पंचमी के दिन सभी लोग मां के रंग में रंग जाते हैं।