वाराणसी : महिलाएं सिंघाड़ा व केला की खेती कर बनेंगी आत्मनिर्भर, 559 तालाबों का आवंटन
वाराणसी। जिले की महिलाएं तालाबों के किनारे सिंघाड़ा और केला की खेती कर आत्मनिर्भर बनेंगी। महिलाओं को 559 तालाब आवंटित किए गए हैं। सिंघाड़ा और केला की खेती से महिलाएं मुनाफा कमाएंगी। वहीं तालाबों की देखभाल भी होती रहेगी। एक महिला को एक तालाब की जिम्मेदारी दी जाएगी।
जिले के ज्यादातर तालाबों पर कब्जा है। तालाब की जमीन पर कहीं खेती हो रही तो कहीं मकान बन गए हैं। इससे कई तालाब अस्तित्व खोने की कगार पर पहुंच गए हैं। इस बीच तालाबों को महिलाओं की आय का जरिया बनाने की तैयारी हो गई है। जिला विकास अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि तालाबों में सिंघाड़े की खेती कराई जाएगी। उसके किनारे केले के पौधे लगाए जाएंगे। इसके पीछे वैज्ञानिक तथ्य यह है कि केले के पौधों की जड़ों में कुछ ऐसी क्षमता होती है कि वे पानी की अशुद्धियां खींच लेती हैं। इससे तालाबों का पानी सिंघाड़े की खेती के योग्य बना रहेगा।
सीडीओ हिमांशु नागपाल ने बताया कि तालाबों का ठीक से उपयोग हो तो ये आय का अच्छा स्रोत साबित हो सकता है। इसमें सिंघाड़ा उत्पादन के लिए महिलाओं को देने की योजना है। इसके लिए स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को चयनित किया जा रहा है।