वाराणसी : सार्वजनिक धर्मशाला के प्राचीन कुएं की सफाई रोकी, ग्रामीणों में आक्रोश
ग्रामीणों का कहना है कि यह कुआं वर्षों पुराना है और धर्मशाला परिसर की सार्वजनिक संपत्ति का हिस्सा है। लंबे समय से कुछ वर्ग विशेष के लोग इस संपत्ति पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रहे हैं। बुधवार सुबह जब ग्रामीणों ने सफाई कार्य शुरू किया, तो पुलिस ने इसे रुकवा दिया। इसके बाद करीब एक घंटे तक पंचायत चली। पुलिस ने सफाई कार्य का नेतृत्व कर रहे समाजसेवी संतोष तिवारी उर्फ पप्पू को थाने ले गई, जिससे व्यापारियों और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। भारी विरोध के बाद पुलिस को उन्हें छोड़ना पड़ा।
व्यापारियों और ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जब धर्मशाला परिसर में वर्ग विशेष के लोगों द्वारा अवैध निर्माण किया जा रहा था, तब पुलिस मूकदर्शक बनी रही। लेकिन अब जब लोग सार्वजनिक हित में सफाई कर रहे हैं, तो उसमें बाधा डाली जा रही है। मिर्जामुराद थाना प्रभारी प्रमोद पांडेय ने बताया कि धर्मशाला परिसर की भूमि को लेकर विवाद है। 2 अगस्त को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बाद राजस्व विभाग की मौजूदगी में नापी कराई जाएगी, उसके बाद सफाई कार्य होगा। इस आश्वासन पर मामला शांत हुआ।
व्यापार मंडल अध्यक्ष उपेंद्र सिंह उर्फ पिंटू, समाजसेवी संतोष तिवारी उर्फ पप्पू समेत अन्य लोगों ने मांग की कि जब तक नापी नहीं हो जाती, तब तक किसी भी प्रकार की निजी गतिविधि पर पूरी तरह रोक लगाई जाए और पुलिस सार्वजनिक कार्यों में हस्तक्षेप न करे। व्यापार मंडल अध्यक्ष ने बताया कि इस मामले को लेकर व्यापार मंडल और ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री कैंप कार्यालय रविंद्रपुरी कॉलोनी दुर्गाकुंड और जिलाधिकारी कार्यालय वाराणसी में ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने अवैध निर्माण को तत्काल रोके जाने, दोषियों पर कार्रवाई और पुलिस के पक्षपाती रवैये की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
व्यापार मंडल अध्यक्ष और ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि 2 अगस्त के बाद नापी निष्पक्ष रूप से नहीं कराई गई या प्रशासन ने पक्षपात किया, तो मजबूरन सड़क पर उतरकर बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होंगे।