वाराणसी : नाथूपुर रेलवे क्रॉसिंग पर जाम बना नासूर, घंटों फंसे रहते हैं वाहन, राहगीर परेशान
वाराणसी। मंडुवाडीह थाना क्षेत्र के नाथूपुर रेलवे क्रॉसिंग पर लगने वाला जाम अब शहर की सबसे गंभीर यातायात समस्याओं में शामिल हो चुका है। यह रेलवे क्रॉसिंग वाराणसी के अत्यंत व्यस्त मार्गों में से एक है, जहां से प्रतिदिन हजारों दोपहिया और चारपहिया वाहन गुजरते हैं। ट्रेन के आवागमन के दौरान जैसे ही रेलवे फाटक बंद होता है, क्रॉसिंग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग जाती है, जो कुछ ही देर में आसपास के प्रमुख मार्गों तक फैल जाती है।
बुधवार को नाथूपुर रेलवे क्रॉसिंग पर जाम की स्थिति बेहद भयावह नजर आई। वाहनों की कतार इतनी लंबी हो गई कि लोग घंटों तक फंसे रहे। सड़क पर रेंगते वाहन, परेशान यात्री और लगातार बजते हॉर्न ने पूरे इलाके को अव्यवस्थित कर दिया। इस मार्ग से एंबुलेंस, स्कूली बच्चों की बसें, कार्यालय जाने वाले कर्मचारी और आम नागरिक रोजाना गुजरते हैं, लेकिन जाम के कारण आपात सेवाओं तक को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाना मुश्किल हो जाता है, जो चिंता का विषय है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि नाथूपुर रेलवे क्रॉसिंग पर जाम अब रोजमर्रा की समस्या बन चुका है। सुबह से लेकर देर शाम तक कभी भी यहां वाहनों की भीड़ लग जाती है। जाम का असर केवल सड़क तक सीमित नहीं रहता, बल्कि आसपास के मोहल्लों में भी आवाजाही प्रभावित हो जाती है। दुकानदारों का कहना है कि ग्राहकों की आवाजाही घटने से उनका कारोबार प्रभावित हो रहा है, वहीं स्थानीय निवासियों का सामान्य जीवन भी अस्त-व्यस्त हो गया है।
नाथूपुर रेलवे क्रॉसिंग बीएलडब्लू, लंका और शहर के अन्य प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग है। इस मार्ग से गुजरने वाले वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन इसके अनुपात में यातायात व्यवस्था को बेहतर करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों का मानना है कि यदि यहां फ्लाईओवर या अंडरपास का निर्माण कराया जाए तो जाम की समस्या से काफी हद तक राहत मिल सकती है।
वर्तमान समय में नववर्ष के अवसर पर देश के विभिन्न जिलों और राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक काशी पहुंचे हैं। इससे शहर में ट्रैफिक का दबाव काफी बढ़ गया है। नतीजतन, नाथूपुर रेलवे क्रॉसिंग सहित कई इलाकों में जाम की स्थिति और गंभीर हो गई है। इससे न केवल बाहरी लोग परेशान हैं, बल्कि स्थानीय निवासियों को भी रोजाना आवाजाही में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।