वाराणसी :  जीवन निर्माण के चार सूत्र साधना, स्वाध्याय, संयम और सेवा, युवा सबल होंगे तो राष्ट्र मजबूत होगा 

गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान एवम् प्रज्ञा और महिला मंडल, हरीनगर चंदूआ छितुपुर, वाराणसी के संयोजन में एकता पार्क में चल रहे पांच दिवसीय प्रज्ञा पुराण कथा एवम् पंच कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का बुधवार को समापन हुआ। इस दौरान सुबह 8 बजे से पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया। इसमें भक्तों ने भाग लिया। शांतिकुंज प्रतिनिधि आचार्य देवता प्रसाद शर्मा ने लोगों को जीवन निर्माण और सुधार के लिए कठोरता लाने के लिए प्रेरित किया। 
 

वाराणसी। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान एवम् प्रज्ञा और महिला मंडल, हरीनगर चंदूआ छितुपुर, वाराणसी के संयोजन में एकता पार्क में चल रहे पांच दिवसीय प्रज्ञा पुराण कथा एवम् पंच कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का बुधवार को समापन हुआ। इस दौरान सुबह 8 बजे से पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया। इसमें भक्तों ने भाग लिया। शांतिकुंज प्रतिनिधि आचार्य देवता प्रसाद शर्मा ने लोगों को जीवन निर्माण और सुधार के लिए कठोरता लाने के लिए प्रेरित किया। 

उन्होंने कहा कि आप स्वयं के सुधार हेतु कठोरता लाएं। भूलों को तत्काल सुधारें, जीवन में होने वाली गलतियों का कठोरता के साथ शमन करें। आपके व्यवहार एवम् विचार में समानता हो। साथ ही दूसरों की ओर से की गई गलतियों को मधुरता के साथ सुधारने का प्रयास करें। जीवन निर्माण के चार सूत्रों साधना, स्वाध्याय संयम एवम् सेवा का कठोरता के साथ जीवन में पालन करें। युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप जितने सबल होंगे राष्ट्र उतना ही मजबूत होगा। नशा केवल नाश कराती है। नशा से व्यक्ति का सम्मान, स्वास्थ्य, धन तथा पारिवारिक संबंधों का ही नाश नहीं करता है बल्कि पारिवारिक एवम् सामाजिक ढांचे को भी कमजोर करता है। 

कहा कि आपसभी मां भारती के पुत्र हैं आप का मुख्य लक्ष्य अपने राष्ट्र को आर्थिक एवम् आध्यात्मिक रूप से संपन्न बनाते हुए भारत को विश्व गुरु बनाना है। कार्यक्रम में 17 लोगों का गुरु दीक्षा संस्कार, 6 बच्चों का विद्यारंभ संस्कार तथा 2 बच्चों का यज्ञोपवीत संस्कार से संस्कारित किया गया। तदोपरान्त गायत्री विधि एवम् वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ संपन्न कराया। कार्यक्रम संयोजक प्रेमचन्द्र बरनवाल के गंभीर किडनी रोग के शमन एवम् स्वास्थ्य लाभ हेतु महामृत्युंजय महामंत्र तथा महाकाल मंत्र से विशेष आहुतियां अग्निहोत किया गया। समापन सत्र की पूर्व संध्या पर जनजागरण दीप महायज्ञ का आयोजन हुआ जिसमें 1008 दीप प्रज्वलित किया गया।
 
अंत में मनुष्य में देवत्व का उदय एवम् धरती पर स्वर्ग का अवतरण तथा स्वयं के लिए कठोरता दूसरों के लिए उदारता के उद्घोष के साथ पांच दिवसीय पावन प्रज्ञा पुराण कथा का भव्य समापन हुआ। गायक लाल बहादुर पटेल ने चिर परिचित स्वर में भक्ति रस की गंगा बहाई। तबले पर संगत निखिल पाण्डेय और ऑर्गन पर संगत श्री राम लखन शर्मा ने किया। कार्यक्रम में कथा वाचक आनंद शर्मा की उपस्थिति रही। कार्यक्रम में रजनीश मल्होत्रा,अचल कुमार श्रीवास्तव, प्रकाश चन्द्र बरनवाल, चंद्रकेश यादव,पुनीत कुमार बरनवाल, राम सिंह, पीयूष, मन्नू, देवांश बरनवाल,रोहित गुप्ता, पुष्पा बरनवाल, निर्मला सिंह,नीतू, निवेदिता एवम् मीडिया प्रभारी रमन कुमार श्रीवास्तव उपस्थित रहे।