वाराणसी :  विशाल भारत संस्थान के मुख्यालय सुभाष भवन पर हुआ ध्वजारोहण, सुभाष मंदिर में नवाया शीश  

विशाल भारत संस्थान के लमही स्थित मुख्यालय सुभाष भवन पर वाराणसी की न्यायाधीश नेहा सिंह एवं न्यायाधीश हितेश अग्रवाल ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण किया। विश्व के पहले सुभाष मन्दिर में अतिथियों ने मत्था टेका और आरती कर आजादी के लिए नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के महान योगदान को याद किया। मुख्य अतिथि न्यायाधीश नेहा सिंह को बाल आजाद हिन्द बटालियन ने सलामी दी। शाम को 7 बजे नेताजी सुभाष के मन्दिर में महाआरती की गई। 
 

वाराणसी। विशाल भारत संस्थान के लमही स्थित मुख्यालय सुभाष भवन पर वाराणसी की न्यायाधीश नेहा सिंह एवं न्यायाधीश हितेश अग्रवाल ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण किया। विश्व के पहले सुभाष मन्दिर में अतिथियों ने मत्था टेका और आरती कर आजादी के लिए नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के महान योगदान को याद किया। मुख्य अतिथि न्यायाधीश नेहा सिंह को बाल आजाद हिन्द बटालियन ने सलामी दी। शाम को 7 बजे नेताजी सुभाष के मन्दिर में महाआरती की गई। 


इस अवसर पर नेहा सिंह ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने अपने खून से देश की आजादी को सींचा है। अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचे और सबको अधिकार मिले यही सुभाष बाबू का सपना था। न्यायाधीश हितेश अग्रवाल ने कहा कि देश सेवा और त्याग पर आधारित है। यह देश पूर्वजों के त्याग और बलिदान से बना है। देश की आजादी को बचाकर रखना हम सभी का दायित्व है। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के बलिदान से देश को आजादी मिली और उनकी प्रेरणा आज भी युवाओं में काम कर रही है।

विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि देश को अखण्ड बनाना है, तो सुभाष मार्गी बनना होगा। आज पाकिस्तान और बांग्लादेश कट्टरपंथ की आग में जल रहा है। नेताजी होते तो तीनों देश एक होते और साथ-साथ प्रगति कर रहे होते। अंग्रेजों से मुक्ति हमारे पूर्वजों ने दिलाई तो उनसे जुड़े रहने में ही देश हित है।

कार्यक्रम में नौशाद अहमद दूबे, नाज़नीन अंसारी, ज्ञान प्रकाश, निरंजन श्रीवास्तव, डा. कवीन्द्र नारायण, रमेश सिंह, डा. मृदुला जायसवाल, आभा भारतवंशी, दिलीप सिंह, शिशिर सिंह आदि रहे। कार्यक्रम का संचालन डा. नजमा परवीन ने किया एवं धन्यवाद डा. अर्चना भारतवंशी ने दिया।