वाराणसी :  सुरक्षित गर्भ समापन सेवाओं से मातृत्व मृत्यु दर में कमी संभव, चिकित्सकों ने दिए सुझाव 

लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय के सभागार में शनिवार को सुरक्षित गर्भ समापन और मातृत्व मृत्यु दर को कम करने पर संगोष्ठी आयोजित की गई। इस में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गिरीश द्विवेदी ने जनसमुदाय को सुरक्षित गर्भसमापन सेवाओं के प्रति जागरूक करने पर जोर दिया। 
 

संवाददाता-राकेश सिंह

रामनगर (वाराणसी)। लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय के सभागार में शनिवार को सुरक्षित गर्भ समापन और मातृत्व मृत्यु दर को कम करने पर संगोष्ठी आयोजित की गई। इस में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गिरीश द्विवेदी ने जनसमुदाय को सुरक्षित गर्भसमापन सेवाओं के प्रति जागरूक करने पर जोर दिया। 

डॉ. द्विवेदी ने कहा कि गर्भ समापन के बाद परिवार नियोजन की जानकारी दंपतियों के लिए आवश्यक है ताकि वे सही निर्णय लेने में सक्षम हो सकें, जिससे मातृत्व मृत्यु दर घटाने में मदद मिलती है। भारत में गर्भ समापन कानूनन वैध है और इसे चिकित्सकीय गर्भ समापन अधिनियम 1971 तथा इसके संशोधन 2021 के तहत नियंत्रित किया जाता है। इसके अंतर्गत 20 सप्ताह तक गर्भ समापन की सेवाएं प्रदान की जाती हैं, जबकि विशेष परिस्थितियों में 24 सप्ताह तक की सेवाएं भी उपलब्ध हैं।

संगोष्ठी में डॉ. नीलिमा मिश्रा और डॉ. राकेश ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने सुरक्षित गर्भ समापन की महत्वता और कानूनी पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सही जानकारी और समय पर स्वास्थ्य सेवाएं महिलाओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं। इस कार्यक्रम ने गर्भसमापन के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाने और मातृत्व मृत्यु दर कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।