वाराणसी: मतदेय स्थलों के पुनर्गठन पर समीक्षा बैठक, जर्जर मकानों से हटाये जाएंगे मतदान स्थल, 1500 मतदाता पर बूथ
वाराणसी। अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी विपिन कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सभी निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और विभिन्न राजनीतिक दलों के अध्यक्षों एवं महासचिवों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य मतदेय स्थलों के पुनर्गठन और सुधार प्रस्तावों पर विचार-विमर्श करना था।
अपर जिलाधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार, नए मतदेय स्थलों का चयन और भवनों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह कार्य 20 अगस्त से ही प्रारंभ हो चुका है और इसमें 1500 मतदाताओं के आधार पर भवनों का पुनर्निधारण किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि जिन मतदेय स्थलों पर 300 से कम मतदाता हैं, उनके पुनर्विकास और समीकरण की संभावना पर भी ध्यान दिया जाएगा। ऐसे मतदेय स्थलों को अन्य स्थलों के साथ समायोजित करने की प्रक्रिया भी इस समीक्षा के तहत की जाएगी।
इसके साथ ही, मतदेय स्थलों का सत्यापन करने के दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उन भवनों के आसपास ही मतदाता निवास करते हों। समीक्षा के बाद, मतदेय स्थलों की एक नई सूची तैयार की जाएगी जिसमें कोई भी सहायक स्थल शामिल नहीं होगा।
शहरी क्षेत्रों में जहाँ नए आवासीय क्षेत्र विकसित हो रहे हैं, वहाँ पर आवश्यकता अनुसार नए पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, जर्जर और अस्थायी भवनों में स्थित मतदेय स्थलों को स्थायी भवनों में स्थानांतरित किया जाएगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि पोलिंग स्टेशन की दूरी 2 किलोमीटर से अधिक न हो।
उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि जिन मतदेय स्थलों के भवन निजी या व्यावसायिक संपत्तियों में हैं, उन्हें सरकारी भवनों में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके अलावा, किसी भी राजनैतिक दल या लेबर यूनियन के कार्यालय से 200 मीटर के भीतर कोई मतदेय स्थल नहीं बनाया जाएगा। बैठक में सभी एसडीएम, एसीएम और राजनीतिक दलों के पदाधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।