वाराणसी :  लोकतांत्रिक उद्देश्य को प्रतिपादित करती है संविधान की प्रस्तावना 

संविधान प्रस्तावना दिवस पर ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा की बैठक हुई। इसमें भारतीय संविधान की प्रस्तावना पर चर्चा हुई। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने संविधान प्रस्तावना पर विचार व्यक्त किए। कहा कि संविधान की प्रस्तावना लोकतांत्रिक उद्देश्य को प्रतिपादित करती है। 
 

वाराणसी। संविधान प्रस्तावना दिवस पर ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा की बैठक हुई। इसमें भारतीय संविधान की प्रस्तावना पर चर्चा हुई। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने संविधान प्रस्तावना पर विचार व्यक्त किए। कहा कि संविधान की प्रस्तावना लोकतांत्रिक उद्देश्य को प्रतिपादित करती है। 

संविधान की प्रस्तावना पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा तैयार की गई है। इसका उद्देश्य प्रस्ताव पर आधारित है, जिसे 22 जनवरी 1947 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया। उन्होंने कहा भारतीय संविधान की प्रस्तावना स्वतंत्रता प्रदान करने का उपबंध करती है। यह विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास और पूजा की स्वतंत्रता प्रदान करता है। संविधान की प्रस्तावना में मौलिक दर्शन और मूल्यों का उल्लेख है जो हमारे संविधान के आधार है। 

उन्होंने कहा कि प्रस्तावना की शुरुआती पांच शब्द प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, सेकुलर, लोकतंत्रात्मक, गणराज्य संविधान के स्वरूप की ओर इशारा करते हैं। संविधान प्रस्तावना का मुख्य लक्ष्य गरीबी,अज्ञानता,बीमारी और अवसर की असमानता को समाप्त करना है।