वाराणसी : किसान मेला में जैविक खेती को किया जागरूक, अन्नदाताओं को बताए फायदे
वाराणसी। चिरईगांव क्षेत्र के छांही गांव में शनिवार को कृषि विभाग की ओर से जैविक किसान मेला का आयोजन किया गया। इसमें किसानों को जैविक खेती के प्रति जागरूक किया गया। वहीं जैविक खेती के फायदे बताए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामप्रकाश दुबे ने कहा कि माटी की बिगड़ती सेहत को सुधारने व गुणवत्तायुक्त खाद्य उत्पादन के लिए अब हम सभी को मिलकर सामूहिक प्रयास करना होगा। ताकि विषमुक्त खाद्यान्न उत्पादन संभव हो सके। उन्होंने किसानों को जैविक खेती के लिए देशी गाय के महत्व को बेहतर ढंग से समझाया। कहा कि एक देशी गाय से तीस एकड़ तक जैविक खेती की जा सकती है। जरूरत है तो सिर्फ जागरूकता के साथ गौ आधारित जैविक खेती को अपनाने की।
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा.नरेंद्र रघुवंशी ने किसानों को जैविक खेती की जानकारी प्रदान किया। कहा कि बिषमुक्त खाद्यान्न का उत्पादन करके ही हम अपने परिवार व धरती माता को बीमार होने से बचा सकते हैं। उन्होंने किसानों को संकल्प दिलाया कि "न जहर खाएंगे और न जहर खिलाएंगे"। नमामि गंगे के प्रोजेक्ट हेड स्वामी शरण कुशवाहा ने भी किसानों को प्राकृतिक खेती, जीवामृत, घनजीवामृत, दशपर्णी अर्क, बीजामृत आदि विषयों पर विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की। इस दौरान बबलू मिश्रा, सत्यनारायण,एडीओ कृषि ,बीटीएम अनिल कुमार सिंह,देवमणि त्रिपाठी,नंदन सिंह,स्वामी शरण,बिजेंद्र सिंह जंगा,जगदीश नारायण,मनोज सहित भारी संख्या में किसान उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन व धन्यवाद ज्ञापन अनिल सिंह ने किया।
जैविक उत्पादों का स्टाल रहा आकर्षण का केंद्र
जैविक किसान मेला में छांही गांव के किसानों व इश एग्रीटेक की ओर से लगाया गया जैविक उत्पादों का स्टाल लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा। मुख्य अतिथि ने किसानों की ओर से लगाए गए जैविक उत्पादों का अवलोकन किया और किसानों के प्रयासों की सराहना की।