वाराणसी :  व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में नहीं करना चाहिए कर्तव्य का त्याग : मिथिलेशनंदिनीशरण महाराज 

सेवाज्ञ संस्थानम एवं बीएचयू भौतिकी विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में संकाय के संकुल सभागार में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन कर महामना एवं स्वामी विवेकानन्द के चित्र पर माल्यार्पण कर मंगलाचरण एवं कुलगीत गायन से हुआ। मुख्य वक्ता श्री हनुमत निवास अयोध्या के पीठाधीश्वर स्वामी मिथिलेशनंदिनीशरण महाराज ने विचार रखे।
 

वाराणसी। सेवाज्ञ संस्थानम एवं बीएचयू भौतिकी विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में संकाय के संकुल सभागार में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन कर महामना एवं स्वामी विवेकानन्द के चित्र पर माल्यार्पण कर मंगलाचरण एवं कुलगीत गायन से हुआ। मुख्य वक्ता श्री हनुमत निवास अयोध्या के पीठाधीश्वर स्वामी मिथिलेशनंदिनीशरण महाराज ने विचार रखे।

उन्होंने कहा कि व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में अपने कर्तव्य का त्याग नहीं करना चाहिए। हमने विकास की परिभाषा को कुंठित और एकदेशीय कर लिया है, जबकि वास्तविक विकास तभी संभव होगा। जब हम अपने आत्मबोध की जागृत कर अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठावान बनेंगे। कार्यक्रम के अंत में प्रश्नोत्तरी सत्र में उन्होंने कई प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किए। 

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर डा. हरेंद्र कुमार राय ने भी अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. अभय कुमार सिंह ने संचालन वागीश ओझा और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. आनन्द प्रभा सिंह ने किया। इस मौके पर काशी के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के आचार्य एवं शोधार्थियों ने सहभागिता की।