वाराणसी :  कार्तिक मास में गंगा स्नान और स्वच्छता का संदेश, नमामि गंगे की अनूठी पहल

कार्तिक मास को पुराणों में सबसे पवित्र महीना माना गया है, जिसमें मोक्षदायिनी मां गंगा के आंचल में स्नान का विशेष महत्व है। इसी अवसर पर गंगा के निर्मलीकरण और स्वच्छता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नमामि गंगे गंगा विचार मंच, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के ज़िला संयोजक शिवम अग्रहरि ने अपने सहयोगियों के साथ पूरे कार्तिक मास के दौरान नित्य गंगा स्नान का संकल्प लिया है।
 

वाराणसी। कार्तिक मास को पुराणों में सबसे पवित्र महीना माना गया है, जिसमें मोक्षदायिनी मां गंगा के आंचल में स्नान का विशेष महत्व है। इसी अवसर पर गंगा के निर्मलीकरण और स्वच्छता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नमामि गंगे गंगा विचार मंच, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के ज़िला संयोजक शिवम अग्रहरि ने अपने सहयोगियों के साथ पूरे कार्तिक मास के दौरान नित्य गंगा स्नान का संकल्प लिया है।

इस संकल्प की शुरुआत प्रतिपदा तिथि को प्रह्लाद घाट पर ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान के साथ हुई। सोमवार को, शिवम और उनकी टीम ने स्नान के दौरान गंगा तट पर उपस्थित स्नानार्थियों को स्वच्छता बनाए रखने का आह्वान किया। शिवम ने बताया कि स्नानार्थियों के साथ मिलकर स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने का यह प्रयास इसलिए किया जा रहा है ताकि लोग स्वच्छता की महत्ता को समझें और गंगा के किनारे गंदगी फैलाने से बचें।

उन्होंने बताया कि अक्सर सफाईकर्मियों द्वारा घाट की सफाई करने के तुरंत बाद ही लोग घाट पर गंदगी करने लगते हैं, जिससे स्वच्छता बनाए रखने में कठिनाई होती है। इस पहल का उद्देश्य लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा करना और उनकी समस्याओं को समझकर समाधान खोजना है। इस अभियान में शिवम अग्रहरि के साथ केवल कुशवाहा, रीतेश कुशवाहा और टोनी कुशवाहा भी शामिल हैं, जो रोज़ाना स्नान के साथ स्वच्छता के संदेश को प्रसारित कर रहे हैं।