वाराणसी : दखल संगठन की सदस्यों ने की सभा, महिला हिंसा पर उठाए सवाल

दखल संगठन की ओर से शनिवार को खिड़किया घाट पर जनसभा का आयोजन किया गया। इसमें महिला हिंसा के मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की। सदस्यों ने महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर सवाल खड़े किए। 
 

वाराणसी। दखल संगठन की ओर से शनिवार को खिड़किया घाट पर जनसभा का आयोजन किया गया। इसमें महिला हिंसा के मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की। सदस्यों ने महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर सवाल खड़े किए। 

 

संगठन की सदस्यों ने 2023 में महिला उत्पीड़न और अपराध के आंकड़ों पर चर्चा की। दीक्षा ने कहा कि देश राज्य और जिले में बढ़ती महिला हिंसा के आंकड़ों पर चर्चा करके हम महिला मुद्दों पर जनजागरूकता लाना चाहते हैं, ताकि 2024 में बुराइयों पर रोक लगे। इसके लिए शासन प्रशासन में बैठे जिम्म्मेदार लोगों से अपील करना है। रैनी ने कहा की राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़े डरावने हैं। वाराणसी कमिश्नरेट में 18 साल से कम उम्र के बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं। बीते साल 2023 में 91 बच्चों-बच्चियों के साथ यौन हिंसा दर्ज हुई। हर चौथे दिन एक नाबालिग यौन हिंसा के शिकार हुआ। आठ बच्चों की नृशंस हत्या हुई है। 18 वर्ष से कम आयु के 46 नबालिकों के साथ दुष्कर्म हुआ। 41 नाबालिको के साथ छेड़खानी हुई। वाराणसी की 485 महिलाओं ने अपने ससुराल वालों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए।  

 

मैत्री ने बताया कि औसतन हर छठे दिन के दर से कुल 61 मुकदमे महिला दुष्कर्म केस दर्ज हुआ।  छेड़खानी के 113 मामले लड़कियों की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न है। ये आंकड़े वो है जो पुलिस फाइल तक केस रूप में दर्ज हुए। असल मे अपराध को गिनने और दर्ज करने जाएं तो जीरो बढ़ते रहेंगे और हम सबको अपने शहर राज्य को सभ्य कहने के जगह पर जंगल कहना पड़ेगा। प्रेरणा कला मंच के रंगकर्मियों की ओर से गड्ढा नाटक का मंचन किया और नारीवादी गीत गाए। इस दौरान नीति, डॉ इंदु, अनन्या, दीक्षा, शिवांगी, रैनी, मैत्री,  अनुज, अश्विनी, साहिल, शना, आसना, पीहू, आरोही, जया, सपना, शबनम, नन्दलाल मास्टर, धनंजय, धीरज, सरिता, रेनू, प्रियंका, श्वेता आदि मौजूद रहीं। कार्यक्रम का संचालन शिवांगी ने किया।