वाराणसी : सिगरा में सार्वजनिक रास्ता बंद करने का प्रयास, स्थानीय महिलाओं ने किया प्रदर्शन
वराणसी। सिगरा थाना क्षेत्र के वसुंधरा गेट नंबर 2 के समीप एक निजी रेलवे ठेकेदार द्वारा पिछले 100 वर्षों से उपयोग में आ रहे 20 फीट चौड़े सार्वजनिक रास्ते को बंद करने की कोशिश का स्थानीय निवासियों ने कड़ा विरोध किया है। इस प्रयास के खिलाफ सैकड़ों महिलाओं ने सड़क पर उतरकर शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन किया। उनकी मांग है कि पीढ़ियों से इस्तेमाल हो रहा यह रास्ता हमेशा पहले की तरह खुला रहे।
स्थानीय निवासी रूबी तिवारी ने बताया कि उनका परिवार पांच पीढ़ियों से इस क्षेत्र में रह रहा है और इस रास्ते का उपयोग रोजमर्रा की जरूरतों, जैसे रेलवे स्टेशन आने-जाने के लिए, करती हैं। उन्होंने कहा, "मेरा पैर खराब है, और इस रास्ते के बंद होने से बहुत परेशानी होगी। रात में भी हमें आवागमन करना पड़ता है। शालीमार कंपनी से हमारी मांग है कि यह रास्ता खुला रहे। जरूरत पड़ी तो हम रेल मंत्री से भी मुलाकात करेंगे।
वहीं, स्थानीय निवासी सुनील सोनकर (बबलू) ने बताया कि यह रास्ता 100 वर्षों से 20 फीट चौड़ा रहा है और इसका उपयोग क्षेत्र के 600 से 700 परिवारों, यानी करीब 15,000 से 20,000 लोगों द्वारा किया जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि शालीमार कंपनी ने अचानक इस रास्ते को अपनी संपत्ति बताकर घेरने की कोशिश शुरू कर दी है। सुनील ने कहा, "हमने कंपनी से अनुरोध किया कि हमारा रास्ता छोड़कर अपनी दीवार बनाएं, लेकिन उन्होंने मना कर दिया और पूरा क्षेत्र घेरने की बात कही।
निवासियों का कहना है कि इस रास्ते पर नगर निगम द्वारा ईंटें बिछाई गई हैं और सीवर लाइन भी इसी से होकर गुजरती है। इसके बावजूद, शालीमार कंपनी द्वारा पिछले एक सप्ताह से लगातार धमकी दी जा रही है और जेसीबी मशीनों के जरिए रास्ता बंद करने का प्रयास किया जा रहा है। विरोध में स्थानीय लोगों ने एडीआरएम, रेल मंत्री और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। लोगों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।