वाराणसी : घाट पर यात्रियों की बढ़ती भीड़, रैन बसेरा शुरू न होने से परेशान श्रद्धालु, सुरक्षा व सुविधा की उठी मांग
वाराणसी। राजेंद्र प्रसाद घाट पर रैनबसेरा बनकर तैयार है, लेकिन इसका उद्घाटन नहीं हो सका है। इसके चलते पर्यटकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मां गंगा निषाद राज सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद कुमार निषाद ने नगर निगम प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए और यात्रियों की सुविधा को लेकर तत्काल कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नाम पर स्थित राजेंद्र प्रसाद घाट पर यात्रियों की सुरक्षा और ठहराव के लिए रैन बसेरा पूरी तरह से तैयार है, इसके बावजूद अब तक उसका उद्घाटन नहीं किया गया है।
विनोद कुमार निषाद ने बताया कि रैन बसेरा में यात्रियों के ठहरने के लिए बेड, तकिया, कंबल और साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था पहले ही कर दी गई है। इसके बावजूद प्रशासनिक उदासीनता के कारण यह सुविधा यात्रियों को नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी के सांसद बने हैं, तब से देश-विदेश से काशी आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ी है। बड़ी संख्या में ऐसे श्रद्धालु भी आते हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और होटल या लॉज में कमरा लेने में सक्षम नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि बाबा विश्वनाथ के दर्शन और मां गंगा में स्नान के लिए आने वाले गरीब एवं साधारण श्रद्धालु रैन बसेरा बंद होने के कारण खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं। कई यात्री घाटों पर या सड़कों के किनारे रात गुजार रहे हैं, जिससे उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य दोनों पर खतरा बना हुआ है। ठंड के इस मौसम में यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है।
विनोद कुमार निषाद ने यह भी कहा कि प्रयागराज में माघ मेला 2026 की शुरुआत हो चुकी है और आगामी 3 जनवरी को पूर्णिमा स्नान है। इसके चलते काशी में भी यात्रियों का आवागमन पहले से ही बढ़ गया है और आने वाले दिनों में भीड़ और ज्यादा होने की संभावना है। ऐसे में रैन बसेरा का बंद रहना यात्रियों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन रहा है। उन्होंने नगर निगम प्रशासन से मांग की कि रैन बसेरा को तत्काल प्रभाव से शुरू किया जाए और घाटों सहित उन सभी स्थानों पर, जहां यात्रियों की अधिक भीड़ रहती है, अलाव की समुचित व्यवस्था कराई जाए, ताकि श्रद्धालुओं को ठंड से राहत मिल सके।