वाराणसी : खाद की दुकानों की छापेमारी, लिए सैंपल, दुकानदारों को दी सख्त हिदायत
वाराणसी। किसानों को गुणवत्तायुक्त उर्वरक निर्धारित दरों पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिला कृषि विभाग ने शनिवार को जनपद भर में सख्त कार्रवाई की। जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह के नेतृत्व में विभिन्न उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों पर सघन छापेमारी की गई, ताकि किसानों को किसी प्रकार की अनियमितता या अधिक कीमत वसूले जाने से बचाया जा सके।
छापेमारी के दौरान सारनाथ एग्रो, जसवाल एंड कंपनी पैगंबरपुर, शंकर प्रसाद एंड कंपनी, गोपाल ट्रेडिंग कंपनी, जय माता दी सप्लायर सहित पैगंबरपुर क्षेत्र के कई उर्वरक विक्रेताओं की दुकानों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उर्वरकों की गुणवत्ता जांच के लिए कुल 6 नमूने लिए गए, जिन्हें परीक्षण हेतु प्रयोगशाला भेजा जाएगा।
जिला कृषि अधिकारी ने सभी उर्वरक विक्रेताओं को सख्त निर्देश दिए कि वे अपनी दुकानों पर रेट बोर्ड अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करें, जिसमें उर्वरकों का निर्धारित मूल्य तथा सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी का स्पष्ट विवरण अंकित हो। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी खतौनी के अनुसार पीओएस मशीन के माध्यम से अंगूठा लगवाकर ही उर्वरक निर्धारित दर पर उपलब्ध कराया जाए। यदि किसी विक्रेता या समिति द्वारा निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर उर्वरक बेचने या अवैध रूप से पीओएस से खारिज करने का प्रयास किया गया, तो उनके विरुद्ध उर्वरक गुण नियंत्रण आदेश के अंतर्गत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कृषि अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि जनपद में वर्तमान समय में यूरिया और डीएपी उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता है और किसी भी क्षेत्र में उर्वरक की कोई कमी नहीं है। किसानों से अपील की गई कि वे अफवाहों में न आएं और आवश्यकता के अनुसार ही उर्वरक का क्रय करें।
कृषि सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि गेहूं की फसल में पहली सिंचाई बुवाई के 20 से 21 दिन बाद अवश्य करें, क्योंकि पहली सिंचाई का विशेष महत्व होता है। यदि सिंचाई में विलंब होता है, तो गेहूं में टिलरिंग कम हो जाती है, जिससे आगे चलकर उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जिन किसानों ने पहली सिंचाई कर ली है, वे समय पर यूरिया की टॉप ड्रेसिंग करें। साथ ही यदि गेहूं की फसल में खरपतवार दिखाई दे, तो उचित खरपतवार नाशी का प्रयोग कर फसल की गुणवत्ता और पैदावार बढ़ाएं।