वाराणसी : संविदाकर्मियों की छंटनी के विरोध में कर्मचारियों ने किया सत्याग्रह, बेमियादी अनशन की दी चेतावनी 

विद्युत मजदूर संगठन एवं विद्युत संविदा मजदूर संगठन ने संविदाकर्मियों की छंटनी के विरोध में कर्मचारियों ने भिखारीपुर स्थित पूर्वांचल विद्युत वितरण कार्यालय के सामने एक दिवसीय शांतिपूर्ण सत्याग्रह किया। इसमें पूर्वांचल के विभिन्न मंडलों से हजारों संविदा कर्मचारी शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान कई वक्ताओं ने अपनी बात रखी और छंटनी के विरोध में आवाज बुलंद की। कर्मचारियों ने बेमियादी अनशन शुरू करने की चेतावनी दी। 
 

वाराणसी। विद्युत मजदूर संगठन एवं विद्युत संविदा मजदूर संगठन ने संविदाकर्मियों की छंटनी के विरोध में कर्मचारियों ने भिखारीपुर स्थित पूर्वांचल विद्युत वितरण कार्यालय के सामने एक दिवसीय शांतिपूर्ण सत्याग्रह किया। इसमें पूर्वांचल के विभिन्न मंडलों से हजारों संविदा कर्मचारी शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान कई वक्ताओं ने अपनी बात रखी और छंटनी के विरोध में आवाज बुलंद की। कर्मचारियों ने बेमियादी अनशन शुरू करने की चेतावनी दी। 

संगठन के प्रदेश प्रभारी पुनीत राय ने बताया कि वर्ष 2017 में प्रदेश में बिजली की खपत लगभग 14,000 मेगावाट थी, जो अब 2024 में बढ़कर 29,000 मेगावाट हो गई है। इसी प्रकार, पूर्वांचल डिस्कॉम में उपभोक्ताओं की संख्या भी 58 लाख से बढ़कर 1.25 करोड़ हो गई है। इसके बावजूद, विभाग संविदा कर्मचारियों की छंटनी कर रहा है, जो कि अनुचित है। संविदा कर्मचारी विद्युत उपकेन्द्रों का संचालन, राजस्व वसूली, असिस्टेड बिलिंग और अन्य महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। इन्हीं कर्मचारियों के बलबूते पर वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल की विद्युत व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है।

संगठन के पूर्वांचल अध्यक्ष इन्द्रेश राय ने बताया कि निदेशक (कार्मिक प्रबंधन एवं प्रशासन) द्वारा 30 सितंबर 2024 को एक आदेश जारी किया गया, जिसमें 2017 के आदेश का हवाला देकर बिजलीघरों और लाइनों पर कार्यरत संविदा कर्मचारियों की छंटनी का निर्देश दिया गया है। इस आदेश के चलते वाराणसी में 100, देवरिया में 150, गोरखपुर में 150 और प्रयागराज में 200 संविदा कर्मचारियों को निकाल दिया गया है। इससे हजारों संविदा कर्मचारियों और उनके परिवारों की रोजी-रोटी पर संकट आ गया है।

संगठन के अन्य प्रमुख पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि अगर मांगें पूरी नहीं हुईं, तो 22 अक्टूबर 2024 से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग की मनमानी और द्वेषपूर्ण कार्यशैली के कारण न केवल कर्मचारियों का जीवन प्रभावित हो रहा है, बल्कि सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है। सत्याग्रह में संगठन के कई प्रमुख नेता और हजारों संविदा मजदूर शामिल रहे।