वाराणसी : चिंतामणि गणेश जी महाराज की निकली शोभायात्रा, उमड़े श्रद्धालु
वाराणसी। सोनारपुरा स्थित चिंतामणि गणेश हनुमान मंदिर में सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया। यह आयोजन स्वर्गीय चल्ला कृष्णा शास्त्री की याद में किया गया। इसके उपलक्ष्य में विशाल शोभायात्रा बड़े ही धूमधाम के साथ निकाली गई। इसमें श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।
शोभायात्रा विभिन्न मार्ग से होते हुए पुनः मंदिर परिसर पहुंचकर समाप्त हुई। इस दौरान मंदिर के चल्ला सुब्बा राव शास्त्री और कथा वाचक ने गरीब असहाय लोगों में कंबल का वितरण किया। अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्रम व स्मृति चिह्न देकर किया गया। इस दौरान कथा वाचक कथावाचक ने श्रीमद्भागवत महापुराण की महत्ता बताई। कहा कि सभी शास्त्रों पुराणों में अतिश्रेष्ठ पुराण है। जिसका श्रवण अनेक जन्मों के प्राप्त पुण्यों के फलस्वरूप होता है। जमान्तरे भवेत् पुण्यं तदा भागवतं लभेत् यह उक्ति श्रीमद्भागवत के महात्म्य में ही वर्णित है। भागवत कथा का श्रवण भगवत्प्राप्ति का सरलतम उपाय है। इसमें भक्ति ज्ञान वैराग्य का सम्यक् वर्णन प्राप्त होता है।
उन्होंने कहा कि इस शास्त्र को परमहंसों की संहिता भी कहते हैं, क्योंकि परमहंसों से प्राप्य अहं ब्रह्मास्मि, ऐसा जो महावाक्य से अनुभूत अमल शुद्ध परं ज्ञान है वह ब्रह्मात्मैक्यरूप से गाया गया है। इसमें प्रथम स्कन्ध में प्रथम अध्याय में तीसरे श्लोक में निगमकल्पतरु का परिपक्व फल बताया गया है। निगम का अर्थ वेद होता है और कल्पवृक्ष स्वर्गलोक में पाया जाता है, जिसकी ऐसी महिमा है जिसके पास जाने के बाद कोई भी कल्पना मन मे की जाए वह पूरी हो जाती है। दिव्यातिदिव्य वस्त्राभूषण वाहन सब प्राप्त हो सकता है। लेकिन कल्पवृक्ष में वो सामर्थ्य नहीं की भगवत्प्राप्ति करा सके। वेदरूपी कल्पवृक्ष में ऐसा सामर्थ्य है जिससे धर्म, अर्थ ,काम, मोक्ष जो चाहे वो प्राप्त हो सकता है।
केदार घाट रोड स्थित प्रथम पूज्य श्री श्री चिन्तामणि गणेश जी महाराज का शोभायात्रा में मेयर अशोक तिवारी, डीसीपी आरएस गौतम, केन्द्रीय ब्राह्मण महासभा के संरक्षक सतीश चन्द्र मिश्र, पियूष चौरसिया, प्रान्त प्रचारक आरएसएस चल्ला अन्नपूर्णा प्रसाद, रामजियावन प्रजापति, लक्ष्मण यादव, अनन्त त्रिपाठी, राघवेंद्र चौरसिया, व जुलुस के साथ भेलूपुर थानाध्यक्ष व अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।