वाराणसी: गीता मंदिर पर भाजपाइयों ने सुनी ‘मन की बात’, पहलगाम हमले के शहीदों को दी श्रद्धांजलि, भारत सरकार से की यह मांग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत पहलगाम में हाल ही में हुए वीभत्स आतंकी हमले पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए की। उन्होंने मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि जब कश्मीर में शांति लौटने लगी थी, तब पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने कायरतापूर्ण हमला कर समूचे देश को आहत कर दिया। मोदी ने कहा कि पर्यटकों को निशाना बनाने वाली इस घटना के खिलाफ अब 140 करोड़ भारतीयों की भावनाओं के अनुरूप आतंकवाद को जड़ से खत्म करने और कठोरतम कार्रवाई का समय आ चुका है।
प्रधानमंत्री ने आधुनिक तकनीक के महत्व पर भी बल दिया। उन्होंने सैटेलाइट आधारित पूर्वानुमान और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के ऐप के जरिये किसानों और आम नागरिकों को मौसम संबंधी चेतावनियों से जागरूक रहने का संदेश दिया। इससे कृषि और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सफलता की नई राह खुलेगी।
इसके अलावा, मोदी ने भारत की वैश्विक मानवता भावना का उल्लेख करते हुए बताया कि भारत ने हाल ही में अफगानिस्तान को हेपेटाइटिस बी समेत कई वैक्सीनों की आपूर्ति की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह भारत ने कोरोना महामारी के समय सैकड़ों देशों को वैक्सीन देकर जीवनदान दिया, उसी तरह देश अपनी रक्षा के लिए आतंकवाद के खिलाफ भी निर्णायक कार्यवाही करेगा।
प्रधानमंत्री ने आगामी 5 जून को "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के एक वर्ष पूरे होने पर खुशी व्यक्त करते हुए 140 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य हासिल करने के लिए देशवासियों की सराहना की। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण में नागरिकों की सहभागिता को देश की एक बड़ी उपलब्धि बताया।
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए लोगों की आत्मा की शांति हेतु दो मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि अर्पित की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना की।
कार्यक्रम का संचालन ओम प्रकाश यादव बाबू ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन धीरेंद्र कुमार शर्मा और आदित्य गोयनका ने संयुक्त रूप से प्रस्तुत किया। आयोजन में प्रमुख रूप से सिद्धनाथ गोड, कन्हैया लाल सेठ, अजित जायसवाल, शंकर जायसवाल, प्रिय कुमार मानिक, अशोक कुमार शर्मा, निर्मल मिश्रा, धरम चंद, प्रकाश गुप्ता और श्रीमती सीता साहू सहित अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे।