वाराणसी : एफआईआर से आक्रोशित अधिवक्ताओं ने दिया धरना, तहसील गेट पर जड़ा ताला

अधिवक्ता पर दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने पिंडरा तहसील में धरना दिया। वहीं तहसील के गेट पर तालाबंदी कर विरोध जताया। इस दौरान पुलिस प्रशासन के रवैये पर नाराजगी व्यक्त करते हुए नारेबाजी की। वकीलों को समझाने पहुंची एसडीएम को भी खूब खरी-खोटी सुनाई। चेताया कि जब तक मुकदमा वापस नहीं होगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। 
 

वाराणसी। अधिवक्ता पर दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने पिंडरा तहसील में धरना दिया। वहीं तहसील के गेट पर तालाबंदी कर विरोध जताया। इस दौरान पुलिस प्रशासन के रवैये पर नाराजगी व्यक्त करते हुए नारेबाजी की। वकीलों को समझाने पहुंची एसडीएम को भी खूब खरी-खोटी सुनाई। चेताया कि जब तक मुकदमा वापस नहीं होगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। 

तहसील के एक अधिवक्ता के मामलों में पुलिस और प्रशासन की ओर से गलत कार्रवाई से वकील आक्रोशित हैं। उनका आरोप है कि अधिवक्ता योगेन्द्र चौरसीया पर झूठा मुकदमा पुलिस ने एक शराब माफिया के दबाव में पंजीकृत किया। इसको लेकर वकीलों ने तहसील गेट पर ताला बंद कर धरना पर बैठ गए। इसकी जानकारी होने पर उपजिलाधिकारी प्रतिभा मिश्रा मौके पर पहुंची। उन्होंने अधिवक्ताओं से बात कर धरना समाप्त कराने की कोशिश की। हालांकि पुलिस के रवैये से आक्रोशित अधिवक्ताओं ने एसडीएम को भी खूब खरी-खोटी सुना दी। इससे एसडीएम को बैरंग लौटना पड़ा। 

अधिवक्ताओं ने चेताया कि जब तक पुलिस मुकदमा वापस नहीं लेगी, तब तक धरना जारी रहेगा। धरना प्रदर्शन में तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष उदयनाथ भारती, महामंत्री चन्द्रभान पटेल, शिवपूजन सिंह, सुभाष दुबे, अशोक पाण्डेय, प्रीतराज माथुर, एके सिंह राजपूत, अविनाश मिश्र, पनधारी यादव, श्याम सिंह, नवीन सिंह, श्रीनाथ गोड़, राकेश गोड़, सुभाष राय, अमर पटेल, राकेश मिश्र, अंकित मिश्र, आनन्द प्रताप(नन्हे), बिन्दू सोनकर आदि शामिल रहे।