यूपी के किसान बनेंगे बदलाव के वाहक, प्रशिक्षण में दी गई डीएसआर तकनीक की जानकारी

अंतरराष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (आइसार्क) ने वॉटर रिसोर्स ग्रुप 2030, विश्व बैंक और कोका-कोला फाउंडेशन के सहयोग से पूर्वी उत्तर प्रदेश के 15 जिलों से आए प्रगतिशील किसानों के लिए सीधे धान की बुवाई (डीएसआर) तकनीक पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। यह प्रशिक्षण 3 और 4 अप्रैल को आयोजित किया गया। इसमें किसानों को कम पानी, कम श्रम और अधिक उत्पादन देने वाली इस उन्नत कृषि विधि के तकनीकी पहलुओं से अवगत कराया गया।
 
नले

वाराणसी। अंतरराष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (आइसार्क) ने वॉटर रिसोर्स ग्रुप 2030, विश्व बैंक और कोका-कोला फाउंडेशन के सहयोग से पूर्वी उत्तर प्रदेश के 15 जिलों से आए प्रगतिशील किसानों के लिए सीधे धान की बुवाई (डीएसआर) तकनीक पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। यह प्रशिक्षण 3 और 4 अप्रैल को आयोजित किया गया। इसमें किसानों को कम पानी, कम श्रम और अधिक उत्पादन देने वाली इस उन्नत कृषि विधि के तकनीकी पहलुओं से अवगत कराया गया।

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डीएसआर तकनीक: खेती के भविष्य की नई राह
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य किसानों को टिकाऊ और सुदृढ़ खेती के लिए प्रेरित करना था। किसानों को खेतों में जाकर डीएसआर तकनीक का व्यावहारिक अनुभव दिया गया और विशेषज्ञों ने तर-बतर एवं सूखे खेतों में डीएसआर तकनीक के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव, रविंदर (आईएएस) ने उद्घाटन सत्र में कहा कि "उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर धान की खेती होती है। डीएसआर तकनीक खेती को जल-संरक्षण और कम लागत के साथ टिकाऊ बना सकती है। किसानों को इस बदलाव के लिए तकनीकी रूप से तैयार करना आवश्यक है।"

आइसार्क के निदेशक, डॉ. सुधांशु सिंह ने कहा, "डीएसआर सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि खेती के भविष्य की जरूरत है। किसान इस परिवर्तन के ध्वजवाहक बन सकते हैं।" विश्व बैंक के वरिष्ठ विशेषज्ञ, श्री अजीत राधाकृष्णन ने किसानों को जल संरक्षण और आय में बढ़ोतरी के लिए एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) के साथ साझेदारी में कार्य करने की सलाह दी। कोका-कोला कंपनी के सार्वजनिक मामलों के निदेशक, डॉ. आदित्य पांडा ने किसानों से आग्रह किया कि वे डीएसआर तकनीक के क्षेत्रीय नेतृत्वकर्ता बनें और इसे अन्य किसानों तक पहुंचाएं।

जौनपुर जनपद की प्रगतिशील महिला किसान, दुर्गा मौर्य ने बताया कि उन्होंने एफपीओ से 370 से अधिक किसान जुड़े हैं, जो मिलकर खेती करते हैं और अपने अनुभव साझा करते हैं। पिछले साल डीएसआर तकनीक से हमें 25% अधिक उत्पादन मिला और इस वर्ष हम 65-70% वृद्धि का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।"