BHU में दो दिवसीय व्याख्यान, फ्रांस के प्रोफेसर ने यूरोपीय देशों की एकरूपता पर की चर्चा 

अन्तर सांस्कृतिक अध्ययन केन्द्र एवं मालवीय मूल्य अनुशीलन केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित द्वि-दिवसीय विशिष्ट व्याख्यान के दूसरे दिन यूरोपीय यूनियन के देशों की एकरूपता पर चर्चा की गई। फ्रांस से आए प्रोफेसर ने अपने विचार रखे। 
 

वाराणसी। अन्तर सांस्कृतिक अध्ययन केन्द्र एवं मालवीय मूल्य अनुशीलन केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित द्वि-दिवसीय विशिष्ट व्याख्यान के दूसरे दिन यूरोपीय यूनियन के देशों की एकरूपता पर चर्चा की गई। फ्रांस से आए प्रोफेसर ने अपने विचार रखे। 

फ्रांस के लिले कैथोलिक विश्वविद्यालय, फ्रांस के संचार विभाग के प्रो. ओलिविएर अरीफोन ने ‘वर्तमान यूरोपीय परिदृश्य : यूरोपीय संसद में हिस्सेदारी’ (Current European Scenario : Stakes in the European Parliament) पर विस्तार से चर्चा की। कहा कि वर्तमान में यूरोपियन यूनियन के 27 देश हैं। इसमें कई चीजें समान रूप से एक हैं। जैसे धर्म के रूप में ईसाई बहुल हैं। फिर भी अधिकतर देश सेक्यूलर हैं और मानवतावादी एवं लोकतांत्रिक मान्यता के रूप में समान विचारधारा की प्रधानता है। यूरोपियन यूनियन के देशों के आधारभूत मूल्य हैं- स्वतंत्रता, समानता, लोकतंत्र, विधि का शासन और मानव अधिकारों का सम्मान। यूरोपियन यूनियन, यूरोपियन पार्लियामेंट और कॉउन्सिल ऑफ द यूरोपियन यूनियन ये तीन यूरोपियन यूनियन के महत्त्वपूर्ण अंग हैं। इनके अलावा कोर्ट ऑफ जस्टिस, कोर्ट ऑफ ऑडिटर, डाटा प्रोटेक्शन सुपरवाइजर इत्यादि यूरोपियन यूनियन के महत्त्वपूर्ण अंग है। 

यूरोपियन यूनियन के 27 कमिश्नर और 43 सेवाएं हैं, जिसमें 33000 लोग काम करते हैं। यूरोपियन पार्लियामेंट में 720 प्रतिनिधि विभिन्न देशों से हैं जो उन देशों की जनसंख्या के अनुसार आनुपातिक रूप से निश्चित हैं जिसमें सबसे अधिक प्रतिनिधि जर्मनी के और सबसे कम साइप्रस के हैं। वर्तमान समय में यूरोपियन पार्लियामेंट में 7 अलग अलग विचारधारा के समूह हैं। 6 से 9 जून 2024 को होने वाले यूरोपियन यूनियन पार्लियामेंट के चुनाव में चार मुख्य मुद्दे हैं - हरित ऊर्जा या कार्बन रहित विकास मॉडल, अवैध प्रवासी आगमन, विदेशी हस्तक्षेप और यूरोपियन यूनियन की सीमा पर युद्ध। 

उन्होंने कहा कि यूरोपियन यूनियन के देशों में यूरोपियन अस्मिता के प्रति एक सजग भाव है। बहुलतावादी विचार के साथ-साथ प्रत्येक देश के लोगों में अपने राष्ट्रीय चेतना के प्रति भी सजगता है। व्याख्यान के बाद प्रो. ओलिविएर अरीफोन ने उपस्थित श्रोताओं के विभिन्न प्रश्नों के उत्तर भी दिए। धन्यवाद ज्ञापन मालवीय मूल्य अनुशीलन केन्द्र के समन्वयक प्रो. संजय कुमार ने कहा कि प्रो. अरीफोन के दो व्याख्यान से दक्षिण कोरिया और यूरोपियन यूनियन के बारे में बहुत सारी जानकारी मिली और हम सभी का ज्ञान का विस्तार हुआ। कार्यक्रम संचालन डॉ. गीतांजलि सिंह ने किया। कार्यक्रम में प्रो. दीपक मलिक, डॉ. ज्योति शर्मा, डॉ. धर्मजंग, डॉ. राजीव वर्मा एवं शोधार्थीगण दिव्यान्शी, अनन्या, नेहा, अंजलि, कंचन, रंजीत समेत बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।