BHU में दो समन्वयकों की हुई नियुक्ति, संकाय सदस्यों को विभिन्न पहलुओं से कराएंगे अवगत 

बीएचयू की ओर से संकाय सदस्यों के रिक्त पदों को भरने हेतु एक व्यापक चयन प्रक्रिया का आयोजन किया जा रहा है, जिनमें से लगभग 100 संकाय सदस्यों को नियुक्ति पत्र भेजे भी जा चुके हैं। नए संकाय सदस्यों को विश्वविद्यालय के विभिन्न पक्षों, प्रक्रियाओं एवं कार्य वातावरण से परिचित कराने एवं संस्थान के अनुरूप अनुकूलन में सहयोग के लिए दो फैकल्टी रिक्रूटमेंट एंड असिस्टेंट प्रोग्राम के तहत दो समन्वयक नियुक्त किए गए हैं। बीएचयू प्रशासन का यह कदम एक स्वस्थ कार्य संस्कृति विकसित करने, कार्य क्षमता में वृद्धि एवं संस्थान के साथ जुड़ाव बढ़ाने के लिए अहम मानी जा रही है। 
 

वाराणसी। बीएचयू की ओर से संकाय सदस्यों के रिक्त पदों को भरने हेतु एक व्यापक चयन प्रक्रिया का आयोजन किया जा रहा है, जिनमें से लगभग 100 संकाय सदस्यों को नियुक्ति पत्र भेजे भी जा चुके हैं। नए संकाय सदस्यों को विश्वविद्यालय के विभिन्न पक्षों, प्रक्रियाओं एवं कार्य वातावरण से परिचित कराने एवं संस्थान के अनुरूप अनुकूलन में सहयोग के लिए दो फैकल्टी रिक्रूटमेंट एंड असिस्टेंट प्रोग्राम के तहत दो समन्वयक नियुक्त किए गए हैं। बीएचयू प्रशासन का यह कदम एक स्वस्थ कार्य संस्कृति विकसित करने, कार्य क्षमता में वृद्धि एवं संस्थान के साथ जुड़ाव बढ़ाने के लिए अहम मानी जा रही है।

 

चिकित्सा विज्ञान संस्थान के पैथोलॉजी विभाग के प्रो. संदीप कुमार को आईएमएस के लिए तथा भौतिकी विभाग, विज्ञान संस्थान, के प्रो. अजय कुमार को शेष विश्वविद्यालय के लिए समन्वयक नियुक्त किया गया है। समन्वयकों की मुख्य ज़िम्मेदारी नए संकाय सदस्यों को विश्वविद्यालय के अनुरूप तालमेल स्थापित करने में सहयोग करना होगा। इस प्रक्रिया में वे ओरिएंटेशन कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे, विश्वविद्यालय में तथा उसके बाहर शैक्षणिक व अनुसंधान अवसरों से लाभान्वित होने के बारे में मार्गदर्शन करेंगे। इसके अलावा कार्यालय के लिए स्थान, प्रयोगशाला की सुविधा, और आईटी सहयोग जैसे महत्वपूर्ण संसाधनों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने में भी मदद करेंगे। समन्वयकों की कोशिश होगी कि वे अंतर-विभागीय संवाद स्थापित कराएं तथा सहयोग की संभावनाओं पर कार्य करें, जिससे नए सदस्यों के लिए भविष्य में पारस्परिक साझेदारी एवं सार्थक पेशेवर संबंध विकसित करना संभव हो सके। 

इसके अलावा शिक्षण व अनुसंधान ज़िम्मेदारियों के संबंध में नए संकाय सदस्यों का मार्गदर्शन किया जाएगा। नए संस्थान से जुड़ने के समय आमतौर पर आने वाली चुनौतियों के समाधान में मदद की जाएगी। यहीं नहीं, शोध प्रस्तावों को लिखने, वित्तीय अवसरों, एवं प्रशासनिक सहयोग हेतु भी मदद की जाएगी। समन्वयकों को ज़िम्मेदारी दी गई है कि वे इस संबंध में प्रगति को दर्ज करने हेतु एक प्रभावी फीडबैक व्यवस्था तैयार करें और यदि किसी प्रकार की चुनौतियां आती हैं तो यह सुनिश्चित करें कि उनका जल्द से जल्द समाधान हो।