ट्रांसजेंडर को कानूनी अधिकारों के प्रति किया जागरूक, पुलिस ने समस्याओं के त्वरित निस्तारण का दिलाया भरोसा
वाराणसी। पुलिस आयुक्त के निर्देश पर अपर पुलिस उपायुक्त महिला अपराध की अध्यक्षता में समलैंगिक, उभयलिंगी और ट्रांसजेण्डर के मुद्दो पर संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें ट्रांसजेंडरों के साथ होने वाले भेदभाव पर रोक लगाने के बाबत चर्चा की गई। साथ ही उनके कानूनी अधिकार भी बताए गए। उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया।
कार्यशाला में बताया गया कि जबरन किसी ट्रांसजेंडर को बंधुआ मजदूर न बनाने, सार्वजनिक स्थानों का इस्तेमाल करने से रोकने, घर से या गांव से निकालना, शारीरिक हिंसा, यौन हिंसा या यौन शोषण, मौखिक तौर पर, मानसिक तौर पर या आर्थिक तौर पर परेशान करना, अपशब्द कहना अपराध की श्रेणी में रखा गया है। इस तरह की कोई घटना हो तो बेझिझक पुलिस से शिकायत करें। त्वरित कार्रवाई की जाएगी। कार्यशाला में कमिश्नरेट वाराणसी के प्रत्येक थाने से पांच-पांच पुलिसकर्मियों ने भी प्रतिभाग किया। अपर पुलिस उपायुक्त महिला अपराध ममता रानी ने बताया कि किसी उभयलिंगी व्यक्ति से कोई व्यक्ति बंधुवा मजदूरी का कार्य कराएगा अथवा किसी उभयलिंगी व्यक्ति के किसी सार्वजनिक स्थान पर आवागमन आदि अवरूद्ध करेगा तो 06 माह से लेकर 02 वर्ष तक कारावास के दण्ड से दण्डित किया जाएगा। जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा। उन्होंने पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को निर्देशित किया कि ट्रांसजेण्डर पर्सन की समस्याओ को प्राथमिक के आधार पर सुना जाए व त्वरित निस्तारण कराया जाए। थाना स्तर से किसी भी प्रकार का भेदभाव न किया जाए।
कार्यशाला के दौरान इन में किन्नर समुदाय के लिए कार्य कर रहे चंदौली से उपस्थित दो सम्मानित ग्रामप्रधान का भी सम्मान किया गया। इस दौरान हमसफर ट्रस्ट के पदाधिकारी, ट्रांसजेण्डर अध्यक्ष सलमा किन्नर, निलोफर व अन्य सदस्य, वन स्टाप सेन्टर के अधिकारी/कर्मचारीगण तथा ट्रांसजेण्डर सुरक्षा प्रकोष्ठ के अधिकारी/कर्मचारीगण मौजूद रहे। हमसफर ऑर्गेनाइजेशन की प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर नीलोफर, गुलिस्तान ट्रस्ट फाउंडेशन की संस्थापिका सलमा उर्फ सलमान चौधरी, उनके उभयलिंगी समाज के साथी रोजी, निहारिका एवं अन्य तमाम सदस्य उपस्थित रहे।