टोटो चालकों का आमरण अनशन तीसरे दिन भी जारी, जिला प्रशासन पर लगाया दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप

 
वाराणसी। एक समय था जब काशी में प्रदूषण रहित और सस्ता यातायात उपलब्ध कराने के लिए टोटो सेवा शुरू की गई थी। इस पहल से न केवल लोगों को सस्ता और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन मिला, बल्कि कई लोगों को रोजगार भी प्राप्त हुआ। हालांकि, टोटो की बढ़ती संख्या ने शहर में यातायात जाम की समस्या को जन्म दे दिया। 

इस समस्या के समाधान के लिए जिला प्रशासन ने वाराणसी में टोटो के संचालन पर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनके तहत कई क्षेत्रों में टोटो चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ सैकड़ों टोटो चालक तीन दिनों से शास्त्री घाट पर आमरण अनशन पर बैठकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। अखिल भारतीय टोटो यूनियन के नेतृत्व में शनिवार विरोध का तीसरा दिन रहा. टोटो चालक अपनी मांगों को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन से नम आंखों के साथ गुहार लगा रहे हैं।

अखिल भारतीय टोटो यूनियन के अध्यक्ष प्रवीण काशी ने इस मामले में कहा कि टोटो चालक बेरोजगारी के इस दौर में अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए टोटो चलाते हैं। इनमें से कई चालक फाइनेंस पर लिए गए टोटो के कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं। इस नई नीति के कारण उनकी परेशानियां और भी बढ़ गई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जबकि पूरे शहर में बसों और अन्य वाहनों का संचालन जारी है, जिला प्रशासन टोटो चालकों के साथ दोहरा मापदंड अपना रहा है।