काशी के तीन और आयुष्मान आरोग्य मंदिर एनक्वास’ सर्टिफाइड

प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सामुदायिक स्तर पर चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार विस्तार और सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। ‘आरोग्यं परमं धनम्’ को ध्याम में रखते हुए घर के नजदीक ही संचालित किए जा रहे आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से समुदाय में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ रही है। हाल ही में भारत सरकार ने जनपद के तीन और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड (एनक्वास) सर्टिफाइड किया गया, जिसमें आदर्श ब्लॉक सेवापुरी के ठठरा व अमीनी और काशी विद्यापीठ ब्लॉक का कोरौता आयुष्मान आरोग्य मंदिर शामिल है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने दी। 
 

- आदर्श ब्लॉक सेवापुरी के दो और काशी विद्यापीठ का एक आयुष्मान आरोग्य मंदिर 
- ठठरा को 90 फीसदी, अमीनी को 91.4 फीसदी और कोरौता को 84.86 फीसदी मिला स्कोर   
- ग्रामीण क्षेत्रों के सभी आरोग्य आयुष्मान मंदिरों ने एनक्वास के लिए किया है आवेदन 

वाराणसी। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सामुदायिक स्तर पर चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार विस्तार और सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। ‘आरोग्यं परमं धनम्’ को ध्याम में रखते हुए घर के नजदीक ही संचालित किए जा रहे आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से समुदाय में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ रही है। हाल ही में भारत सरकार ने जनपद के तीन और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड (एनक्वास) सर्टिफाइड किया गया, जिसमें आदर्श ब्लॉक सेवापुरी के ठठरा व अमीनी और काशी विद्यापीठ ब्लॉक का कोरौता आयुष्मान आरोग्य मंदिर शामिल है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने दी। 
    
सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आदर्श ब्लॉक सेवापुरी के ठठरा ने ‘एनक्वास’ के अंतिम मूल्यांकन (असेस्मेंट) में 90 प्रतिशत और अमीनी ने 91.4 प्रतिशत स्कोर हासिल किया है एवं काशी विद्यापीठ ब्लॉक के कोरौता ने 84.86 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं। सीएमओ ने ठठरा, अमीनी और कोरौता की सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, एएनएम, आशा संगिनी, समस्त आशा कार्यकर्ताओं और ग्राम प्रधान को बधाई दी। एनक्वास के सभी असेस्मेंट (मूल्यांकन) कार्य में डिप्टी सीएमओ व नोडल अधिकारी डॉ एचसी मौर्य, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक (डीपीएम) संतोष कुमार सिंह, एमओआईसी (सेवापुरी) डॉ मनोज कुमार वर्मा, एमओआईसी (मिसिरपुर, काशी विद्यापीठ) डॉ रामबली सिंह, क्वालिटी एश्योरेंस के मंडलीय सलाहकार डॉ तनवीर सिद्दकी, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबन्धक अनूप कुमार मिश्रा, जिला मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता पूनम गुप्ता एवं अन्य संबन्धित स्टाफ ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। साथ ही न्यूट्रीशन इंटरनेशनल (एनआई) संस्था की अपराजिता सिंह ने भी अहम भूमिका निभाई।


सीएमओ ने कहा कि इससे पहले आदर्श ब्लॉक सेवापुरी के खरगरामपुर और करधना प्रथम आयुष्मान आरोग्य मंदिर एनक्वास सर्टिफाइड हो चुके हैं। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र के सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिर ने ‘एनक्वास’ के लिए नामांकन किया है। इसके साथ ही शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के समस्त सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का भी कायाकल्प और एनक्वास को लेकर मूल्यांकन प्रक्रिया की जा रही है। धीरे-धीरे वाराणसी के सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, सीएचसी व पीएचसी को एनक्वास सर्टिफ़ाइड व कायाकल्प का दर्जा मिलेगा, जिससे समुदाय को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं भी मिल सकेंगी।

इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका
ठठरा आयुष्मान आरोग्य केंद्र की सीएचओ प्रिया सिंह, एएनएम धर्मा देवी, संगिनी गुंजन देवी और ग्राम प्रधान सुनील कुमार बिन्द ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अमीनी की सीएचओ रूपम भारती, एएनएम ममता व मीरा, संगिनी फूल कुमारी व ग्राम प्रधान अनिल कुमार एवं कोरौता की सीएचओ प्रिया मल्ल, एएनएम रजत कुमारी, ग्राम प्रधान दिनेश कुमार पटेल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।         

यह हैं निर्धारित सात मानक
आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को भारत सरकार की ओर से निर्धारित सात मानकों यथा केयर इन प्रेग्नेंसी एंड चाइल्ड बर्थ, निओनेटल एंड इंफेंट हेल्थ सर्विसेज़, चाइल्डहूड एंड एडोलसेंट हेल्थ सर्विसेज़, फैमिली प्लानिंग, मैनेजमेंट ऑफ कम्यूनिकेबल डीजीज़, मैनेजमेंट ऑफ सिम्पल इलनेस इनक्लूडिंग माइनर एलीमेंट्स एवं मैनेजमेंट ऑफ नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज़ पर बेहतर स्कोर प्राप्त हुए हैं। 

प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी
किशोरी के परामर्श से लेकर गर्भावस्था, प्रसव पूर्व जांच व देखभाल, प्रसव पश्चात देखभाल, नवजात शिशु देखभाल, सम्पूर्ण टीकाकारण, परिवार नियोजन की स्थायी व अस्थायी सेवाएँ, संचारी व गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग, जांच, परामर्श आदि के साथ ही जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इसके लिए सभी सीएचओ, एएनएम, संगिनी और आशा कार्यकर्ताओं को बेहतर तरीके से प्रशिक्षित किया जाता है, जिससे वह सभी मानकों को पूरा कर सकें तथा मरीजों को बेहतर सुविधाएं प्रदान कर सकें।