सारनाथ में 25 लाख की लागत से बनेगा प्रदेश का दूसरा जलज केंद्र, गंगा वेस्ट से बने सामान की होगी बिक्री
वाराणसी। गंगा के वेस्ट से तरह-तरह के सामान बनाए जाएंगे। इनकी बिक्री के लिए सारनाथ जू में 25 लाख की लागत से प्रदेश के दूसरे जलज केंद्र का निर्माण कराया जाएगा। पहला जलज केंद्र कानपुर में बना है। सारनाथ में जलज केंद्र के निर्माण के साथ ही गंगा किनारे बसे गांवों का विकास किया जाएगा। ग्रामीणों की ओर से बनाए गए वस्तुओं की बिक्री होगी।
जलज केंद्र में ग्रामीणों की ओर से बनाए गए सामानों की बिक्री की जाएगी। इसके लिए कुछ न्यूनतम राशि रखी जाएगी। ताकि लोग सामान की खरीदारी कर सकें। जलज स्टाल पर उपस्थित टीम लोगों को उत्पादों के महत्व के बारे में जानकारी देगी। यह बताएंगे कि ये उत्पाद किस तरह के पर्यावरण के लिए अनुकूल हैं। इन उत्पादों का निर्माण स्थानीय समुदाय द्वारा पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता के संरक्षण को ध्यान में रखकर किया जाएगा।
दरअसल, गंगा किनारे रहने वाले लोग गंगा से निकलने वाले सामानों से तरह-तरह के उत्पाद बनाते हैं। हालांकि उसकी मार्केटिंग और ब्रांडिंग नहीं कर पाते हैं। इसके वजह से उनके सामान को कोई नहीं खरीदता है। जलज केंद्र की टीम उनके उत्पादों की मार्केटिंग और ब्रांडिंग कर उनकी बिक्री करने में मदद करेगी।
केंद्र पर आर्गेनिक उत्पाद, हाथ से बने डिजाइन, हस्तशिल्प, नक्काशी, बैग, साड़ी, आचार, शहद, धूपबत्ती, जानवरों से जुड़ी किताबें, विदेशियों के लिए अलग से गिफ्ट की बिक्री की जाएगी। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इसके लिए गंगा किनारे रहने वाले लोगों की टीम बनाई जाएगी। इसके बाद उनको आवश्यकतानुसार ट्रेनिंग दी जाएगी।