बालश्रम के खिलाफ अभियान का मछलीशहर के सांसद का समर्थन, हस्ताक्षर कर किया यह अपील...

 
वाराणसी। मछली शहर के सांसद भोला नाथ सरोज (बी.पी.सरोज) ने चाइल्ड राइट एंड यू ( CRY ) द्वारा बालश्रम के खिलाफ ‘डॉन्ट हेल्प चिल्ड्रन- बाए एमपलोइंग देम’ (बच्चों को रोजगार देकर उनकी मदद न करें ) अपील पत्र पर हस्ताक्षर कर अभियान का समर्थन किया। सांसद के समर्थन के लिए जनमित्र न्यास का प्रतिनिधिमंडल (शिरीन शबाना खान और अभिमन्यु प्रताप) ने सांसद आवास पर जाकर समर्थन प्राप्त किया। वही इसी क्रम में पिंडरा के विधायक डॉ अवधेश सिंह द्वारा अपील पत्र पर हस्ताक्षर करके इस मुहीम को समर्थन किया गया। चाइल्ड राइट्स एंड यू द्वारा बालश्रम के खिलाफ अभियान में बाल अधिकारों पर काम करने वाली सैकड़ो संस्थाओं ने आगे बढ़ कर साझेदारी करते हुए इसे जन अभियान बनाने का पहल किया।
जनमित्र न्यास की न्यासी व महिला व बाल स्वास्थ्य अधिकार कार्यकर्ती श्रुति नागवंशी ने बताया की “चाइल्ड राइट एंड यू ( CRY ) द्वारा बालश्रम के खिलाफ ‘डॉन्ट हेल्प चिल्ड्रन- बाए एमपलोइंग देम’ (बच्चों को रोजगार देकर उनकी मदद न करें ) अभियान को जनमित्र न्यास ने वाराणसी के 4 ब्लाक व बुनकर बाहुल्य क्षेत्र में हस्ताक्षर अभियान शुरू किया। अभी तक इस अभियान को जिले के कई आलाधिकारीयों सहित 200 ग्रामीणोंं ने बच्चों को रोजगार देकर उनकी मदद न करें अभियान को अपना समर्थन दिया। वही अभी भी लगातार लोगो का समर्थन मिल रहा है।
उन्होंने कहा की बाल श्रम को लेकर लोगों की मानसिकता बदलने के मकसद से यह अभियान शुरू किया गया की बच्चो को नौकरी देकर उनकी मदद न करें। इसकी बजाए उन्हें पढ़ने, खेलने और बचपन जीने के मौके दें। क्योकि बच्चो को रोजगार देने से उनका बचपन छीन जाता है और वह शिक्षा के वंचित हो जाते है। काम की तलाश में बच्चो का पलायन एक दूसरे जगह हो जाता है। जिसके वजह से उनका तस्करी होने का खतरा बना रहता है। वह सरकार की योजनाओ से लाभार्थी नहीं हो पाते है।
   
बाल श्रम के प्रति संस्थान के दृष्टिकोण के बारे में क्राई के नॉर्थ रीजन की डायरेक्टर सोहा मोइत्रा ने कहा कि, “क्राई बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UNCRC) का पालन करता है, जो 0 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के प्रत्येक मनुष्य को एक बच्चे के रूप में परिभाषित करता है, जो शिक्षा, पोषण और संगरक्षण के अधिकार का हकदार है। यह बच्चे न केवल गरीबी के कारण काम कर रहे हैं, बल्कि इसलिए भी कि वह सस्ते श्रम प्रदान करते हैं। बाल श्रम कानून के प्रति हमारे समाज को जागरूक होने की जरूरत है। उन्हें यह समझने की जरूरत है कि हमारे बच्चों और बाल श्रमिकों के रूप में काम करने वालों के बीच कोई अंतर नहीं है। इस प्रकार, हमारा मानना है कि यह अभियान इस कुप्रथा को समाप्त करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी स्थापित करने में एक व्यापक भूमिका निभा सकता है।"