वीरांगना की जन्मस्थली पर पहुंचकर अभिभूत हुए तेलंगाना के छात्र, वंदे मातरम और राष्ट्रगान से महारानी लक्ष्मी बाई को किया नमन
वाराणसी। युवा संगम के तहत शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के इंटर स्टेट सांस्कृतिक आदान-प्रदान शिक्षक भ्रमण के तहत तेलंगाना राज्य के 45 छात्राएं गुरुवार को भदैनी स्थित वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई की जन्मस्थली पहुंचे और वीरांगना के चरणों में अपनी भावांजलि अर्पित की। जन्मस्थली पर पहुंचे छात्र महारानी लक्ष्मीबाई की आदम कद प्रतिमा को देखकर अभिभूत हो गए और महारानी लक्ष्मीबाई अमर रहे, भारत माता की जय, जय हिंद जय भारत जैसे देशभक्ति नारे लगाने लगे।
इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने महारानी लक्ष्मीबाई की स्मृति में दीपदान भी किया। इसके पश्चात तेलंगाना के छात्र गोस्वामी तुलसीदास की तपोस्थली तुलसी घाट पहुंचे और वहां पर दर्शन पूजन किया। अखाड़ा गोस्वामी तुलसीदास के महंत प्रोफेसर विस्वम्भर नाथ मिश्र ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि काशी तो एक मिनी भारत स्वयं में है यहां पर हर जाति, हर धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं। काशी पूरे विश्व को धर्म एवं संस्कृति की शिक्षा देती है। यहां मां गंगा उत्तर वाहिनी होकर कल कल बहते हुई पूरे विश्व को शांति और सद्भाव का संदेश देती है। साथ में बाबा विश्वनाथ अपने भक्तों को राम नाम का तारक मंत्र देकर मुक्त भी करते हैं।
उन्होंने कहा कि काशी सर्व विद्या की राजधानी है। यहां पर वेद उपनिषद के साथ-साथ विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी, संगीत के साथ-साथ शारीरिक शिक्षा कुश्ती एवं दंगल में भी छात्रों को पारंगत किया जाता है। यह अपने आप में अद्भुत नगरी है, यहां पर पग- पग में सीखने को बहुत कुछ मिलता है।
बता दें कि 45 छात्राओं का यह दल काशी हिंदू विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी प्रोफेसर अनिल कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में काशी भ्रमण पर निकला है। प्रोफेसर अनिल कुमार त्रिपाठी ने बताया कि 45 छात्र और छात्र-छात्राओं का यह दल उत्तर प्रदेश में प्रगति, परंपरा पर्यटन, प्रौद्योगिकी एवं सांस्कृतिक गतिविधियों की जानकारी लेने के लिए आया हुआ है। आए हुए छात्र-छात्राओं का स्वागत काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदर अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर विजय नाथ मिश्रा ने किया। कार्यक्रम का संयोजन जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्रा ने किया तथा धन्यवाद अशोक कुमार पांडे ने किया।