रामेश्वर से विश्वेश्वर की नगरी में पहुंचा तमिल यमुना दल, वणक्कम काशी संग गूंजा हर हर महादेव का जयघोष
वाराणसी। काशी तमिल संगमम-2 में शामिल होने के लिए तमिल श्रद्धालुओं का दूसरा दल 'यमुना' मंगलवार 19 दिसंबर को काशी पहुंचा। काशी-तमिल संगमम-2 के लिए विशेष ट्रेन से तमिल अध्यापकों का जत्था बनारस स्टेशन पहुंचा। बनारस की धरती पर उतरते ही दक्षिण भारतीय मेहमानों ने ‘वणक्कम काशी’ कहके अभिवादन किया गया, तो वहीं काशीवासियों ने उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री रविन्द्र जायसवाल के नेतृत्व में हर हर महादेव के उद्घोष से उनका अभिनंदन किया। ढोल-नगाड़े की थाप के बीच स्वस्तिवाचन और फूलों की वर्षा से शहर बनारस ने अपने अतिथि देवो भव के भाव से भी परिचित करा दिया।
काशी पहुंचे सभी डेलिगेट्स को धर्म, सभ्यता, इतिहास के बारे में बताया जायेगा। बीएचयू द्वारा एकेडमिक कार्यक्रम का आयोजन 20 दिसम्बर को नमो घाट पर किया जायेगा। इसमें यह सभी अध्यापकों का दल शामिल होगा। जहां बीएचयू के कुशल अध्यपक एवं दक्षिण के भी विशेषज्ञ शामिल होंगे। जिससे दोनों राज्यों के ज्ञान का भी संगम होगा।
अतिथियों के लिए खास तैयारी
काशी पहुंचे मेहमानों के लिए विशेष तैयारी की गई हैं। इस यात्रा में मेहमानों को तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश दोनों की कला संस्कृति की झलक दिखाई जाएगी। इसके आलावा अध्यापकों का दल काशी विश्वनाथ धाम, काल भैरव मंदिर, सारनाथ, हनुमान घाट, गंगा आरती सहित अन्य स्थानों का भ्रमण करते हुए प्रयागराज और फिर अयोध्या का भी भ्रमण करेंगे।
14 दिनों तक दक्षिण भारतीय मेहमानों का आवभगत करेगा काशी
काशी में इन मेहमानों को दक्षिण भारत का खान-पान, रहन-सहन और वेशभूषा के साथ ही वहां के लोग और काशी के लोगों का एक दूसरे के प्रति प्यार और दुलार भी दिखाई देगा, साथ ही ग्रुप में 1500 से ज्यादा डेलिगेट्स बनारस आएंगे। हर ग्रुप में 205 डेलिगेट्स की मौजूदगी होगी। तमिल पंचांग के अनुसार इस बार मार्गली (मार्गशीर्ष) महीने में काशी तमिल संगमम-2 का आयोजन किया गया हैं।