‘हमारी मांगें पूरी हो चाहे जो मजबूरी हो’ मांगों को लेकर काशी विद्यापीठ परिसर में छात्रों ने किया प्रदर्शन, कॉलेज प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ परिसर में अपनी मांगों को लेकर सुबह से ही छात्र आंदोलनरत हैं। छात्रों का आरोप है कि लगातार अधिकारियों व कर्मचारियों के चक्कर लगाने के बाद भी दो महीने से कोई उनकी सुनने को एक तैयार नहीं है।
छात्रों ने कॉलेज प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाया है। छात्रों का कहना है कि जो छात्र परीक्षा दिए हैं, रिजल्ट में उन्हें अनुपस्थित कर दिया गया है। छात्रों ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय में फीस का कोई निर्धारण ही नहीं है। मनमानी फीस वसूली जा रही है।
इसके अलावा छात्रों को अभी तक हॉस्टल का आवंटन नहीं हुआ है। साथ ही हॉस्टल में मेस का संचालन बंद है। ऐसी कई समस्याएं हैं, जिसे लेकर छात्र परिसर में आंदोलनरत रहे। छात्रों में मुख्य रूप से राज सिंह यादव, शिवम यादव भक्ति, अभिषेक यादव, दिव्य प्रकाश, विवेक कुमार, अमन अमित समेत सैकड़ों छात्र प्रदर्शन में शामिल रहे।
छात्र शिवम यादव भक्ति ने कहा कि लगभग डेढ़ महीने पहले बीए फर्स्ट सेमेस्टर का रिजल्ट आया था। जिसमें परीक्षा देने के बावजूद कई छात्रों को फेल कर दिया गया था। उसके लिए रजिस्ट्रार महोदया से शिकायत की गई थी। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा था कि एक सप्ताह के भीतर रिजल्ट में संशोधन हो जायेगा। लेकिन अभी तक कोई संशोधन नहीं हुआ। इसके अलावा बीएससी थर्ड सेमेस्टर में मैथ्स का प्रैक्टिकल नहीं है, लेकिन छात्रों के फीस में 500 रुपए प्रैक्टिकल के नाम पर जोड़ा गया है।
छात्र राज यादव ने कहा कि हमलोग अपनी समस्याओं को लेकर लगातार कुलपति महोदय के पास जा रहे हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस बार रिजल्ट में कई मेधावी छात्रों को फेल कर दिया गया है। कुलपति आश्वासन ज़रूर देते हैं, लेकिन एक भी अधिकारी उनकी बात नहीं सुनता। विश्वविद्यालय प्रशासन की गलती से कई छात्र फेल हुए हैं। यदि 24 घंटे के भीतर हमारी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो हम उग्र आन्दोलन करने को बाध्य होंगे।
ये हैं प्रमुख मांग
- सभी छात्रों के रिजल्ट में जल्द से जल्द संशोधन हो।
- बीएससी व अन्य कोर्सेज के फीस में जो वृद्धि हुई है, उसे कम किया जाय।