नमामि गंगे के जरिये स्वामी हरसेवानन्द स्कूल के बच्चों ने गंगा स्वच्छता को किया प्रेरित, मंच पर बिखेरी अद्भुत छटा

स्वामी हरसेवानन्द पब्लिक स्कूल बनपुरवां का वार्षिकोत्सव कार्यक्रम शनिवार को धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय समूह के प्रबन्धक बाबा प्रकाशध्यानानन्द के सानिध्य में मुख्य अतिथि बीएचयू के प्रोफेसर केके सिंह ने श्री श्री 1008 स्वामी हरसेवानन्द महाराज परमहंस के तैलचित्र पर मार्त्यापण व दीप प्रज्ज्वलन कर किया। इस दौरान स्कूल के बच्चों ने लोगों को गंगा स्वच्छता के प्रति प्रेरित किया। प्रो. केके सिंह (डिपार्टमेंट आफ स्टैटिटिक्स), काशी हिन्दू विश्वविद्यालय कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। स्कूल का वार्षिकोत्सव कार्यक्रम नमामि गंगे के नाम रहा।
 

वाराणसी। स्वामी हरसेवानन्द पब्लिक स्कूल बनपुरवां का वार्षिकोत्सव कार्यक्रम शनिवार को धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय समूह के प्रबन्धक बाबा प्रकाशध्यानानन्द के सानिध्य में मुख्य अतिथि बीएचयू के प्रोफेसर केके सिंह ने श्री श्री 1008 स्वामी हरसेवानन्द महाराज परमहंस के तैलचित्र पर मार्त्यापण व दीप प्रज्ज्वलन कर किया। इस दौरान स्कूल के बच्चों ने लोगों को गंगा स्वच्छता के प्रति प्रेरित किया। प्रो. केके सिंह (डिपार्टमेंट आफ स्टैटिटिक्स), काशी हिन्दू विश्वविद्यालय कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। स्कूल का वार्षिकोत्सव कार्यक्रम नमामि गंगे के नाम रहा।

इस दौरान नमामि गंगे की रंगयात्रा विद्यालय के कुलगीत, स्वागत गीत से प्रारंभ होकर ऐसा रंग विखेरा कि सभी दर्शक उसी में सराबोर हो गए। लगा कि हरसेवानन्द में आज ही की निशा में "नमांमि गंगे" यानी गंगा का धरती पर अवतरण हो रहा हो। किड्स डांस, क्लासिकल, सेमी क्लासिकल डांस, कजरी, गंगावतरण पौराणिक परिप्रेक्ष्य में, शिव ताण्डव, शिव की जटाओं में गंगा, गंगा का धरती पर आगमन व आरती, सतयुग में गंगा, त्रेता में गंगा, द्वापर में गंगा, कलियुग का अट्टाहास से गुजरता हुआ गंगा और धर्म तक के सफर ने तो दर्शकों को भावुक कर आंखों से आंसू ला दिया। लोग कंठबद्ध गले से भूरि-भूरि प्रशंसा करते नजर आए। वार्षिकोत्सव में इस बार, स्वर्गलोक से मृत्युलोक के जीवों का उद्धार करने के लिए गंगा को किस प्रकार धरती पर अवतरित होकर युगों युगों तक अपने महत्व को प्रतिष्ठापित करने के श्रेय को दर्शाया गया। 

मुख्य अतिथि ने कहा कि संस्कारयुक्त शिक्षा और पर्यावरण अनिवार्य आवश्यकता है। विद्यालयों का वार्षिकोत्सव उद्देश्यपूर्ण होना चाहिए। लोक कलाओं को जीवित रखने की उत्कण्ठा इन नन्हें विद्यार्थियों को कहीं न कहीं से अधीर बना रही है। मैं महसूस कर रहा हूं कि ये हर कठिन चुनौती के लिए सक्षम हैं। कार्यक्रम के अन्त में विद्यालय के प्रबंधक ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिह्न व अंगवस्त्रम् भेंट कर सत्कार किया गया। विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रधानाचार्य डॉ. एके चौबे ने वाचन किया। आभार ज्ञापन छात्रावास अधीक्षक पूर्व ले. एमएस यादव तथा महोत्सव का सफल संचालन कक्षा 11 की वंशिका रस्तोगी व सत्यम तिवारी ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में मंजूलता शर्मा, गिरीश चन्द्र अरोड़ा, फूलकुमारी यादव, तृप्ति शुक्ला, अनुराधा दीक्षित, मनोरमा यादव, सिम्मी श्रीवास्तव, ममता यादव, नम्रता सिंह, शीला श्रीवास्तव, अमित कुमार, गोरख नाथ, मुकेश्वर सिंह व एसके शर्मा का सराहनीय योगदान रहा।