बीएचयू महिला महाविद्यालय में गरबा महोत्सव, "नवरंग रास" में डांडिया नृत्य पर झूमीं छात्राएं
वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के महिला महाविद्यालय ने नवरात्रि के पावन अवसर पर अपनी छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए "नवरंग रास" गरबा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में छात्राओं ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया और अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। गरबा का आयोजन "वेल बीइंग इनिशिएटिव" और छात्र सलाहकार समिति के सहयोग से किया गया, जिसमें लगभग हजारों छात्राओं ने भाग लिया।
पहले 12 छात्राओं का चयन कर उन्हें पांच दिवसीय गरबा प्रशिक्षण दिया गया था। इसके बाद इन प्रशिक्षित छात्राओं ने "ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर" कार्यक्रम के तहत अन्य छात्राओं को भी गरबा सिखाया। इस पूरे प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. रुक्मणि जायसवाल द्वारा किया गया, जो "छात्र नेतृत्व और जीवन कौशल विकास पहल" का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। यह 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम छात्राओं को न केवल गरबा नृत्य में निपुण बनाने, बल्कि उनके नेतृत्व कौशल को भी प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
महिला महाविद्यालय की प्राचार्य, प्रोफेसर रीता सिंह ने बताया कि इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम तनाव प्रबंधन में अत्यंत सहायक होते हैं। उन्होंने नवरात्रि में डांडिया की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता का उल्लेख करते हुए कहा कि यह आयोजन छात्राओं के लिए एक अनूठा अनुभव है, जिसमें उन्हें नए छात्राओं से मिलने और महाविद्यालय की सांस्कृतिक विरासत को समझने का अवसर मिला।
छात्राओं ने इस आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि डांडिया नाइट के माध्यम से उन्हें नवरात्रि के दौरान डांडिया खेलने का अद्भुत अवसर मिला और यह उनके लिए मानसिक शांति का स्रोत भी बना। डांडिया सिखाने वाली अध्यापिका ने कहा कि आज की छात्राएं काफी रचनात्मक हैं और उन्हें सिखाने में कोई कठिनाई नहीं हुई। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं को सुरक्षित और परिचित वातावरण में डांडिया खेलने का अवसर देना था, ताकि उन्हें कहीं और जाने की आवश्यकता न पड़े।