बीएचयू के हॉस्टल में सख्ती: बिड़ला 'ए' के छात्रों पर एलबीएस हॉस्टल में प्रवेश करने से रोका, छात्रों ने बताया तुगलकी फरमान

 

वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के बिड़ला 'ए' हॉस्टल के छात्रों का एलबीएस हॉस्टल में आना प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस संबंध में एलबीएस हॉस्टल के वार्डेन ने एक नोटिस जारी किया है। बताया गया है कि रैगिंग के आरोपों के कारण बिड़ला 'ए' हॉस्टल के छात्रों को एलबीएस हॉस्टल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। 

नोटिस में यह बताया गया कि यदि बिड़ला 'ए' का कोई छात्र एलबीएस परिसर में पाया गया, तो उसके खिलाफ उच्च अधिकारियों से सख्त कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी। साथ ही, एलबीएस हॉस्टल के छात्रों को चेतावनी दी गई कि अगर किसी के कमरे में बिड़ला 'ए' हॉस्टल का छात्र दिन या रात में देखा जाता है, तो उन पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

छात्र बोले- सीनियर-जूनियर संबंधों पर पड़ेगा असर 

बिड़ला 'ए' हॉस्टल के छात्रों ने इस फैसले को अनुचित करार देते हुए इसे तुगलकी फरमान बताया है। उनका कहना है कि उन पर गलत आरोप लगाकर कार्रवाई की जा रही है, जिससे सीनियर-जूनियर की परंपरा प्रभावित होगी।

नोटिस के अनुसार: छात्रों को बनाया बंधक 

नोटिस में यह भी उल्लेख किया गया है कि 24 सितंबर को बिड़ला 'ए' के छात्रों ने एलबीएस के कमरों के दरवाजे खुलवाकर वहां के छात्रों को बहला-फुसलाकर अपने हॉस्टल में ले जाकर बंधक बनाया था। रैगिंग की आशंका भी जताई गई है, जिसमें छात्रों को लगभग दो घंटे तक रोका गया। 

छात्रों के बीच नोटिस बना चर्चा का विषय 

इस नोटिस के जारी होने के बाद से यह छात्रों के बीच चर्चा का बड़ा मुद्दा बन गया है। ऐसा पहली बार हुआ है जब इस तरह का कोई नोटिस छात्रों के बीच इतना चर्चा में आया है, और इसके प्रति छात्रों का ध्यान काफी केंद्रित है।