बीएचयू में विशेष व्याख्यान, छात्रों को ग्रामीण जीवन, गाय और आयुर्वेद का महत्व बताया
वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान संकाय स्थित समन्वित ग्रामीण विकास केंद्र में रविवार को "गाय, आयुर्वेद और ग्रामीण जीवन" विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संकाय प्रमुख प्रो. बिन्द्रा परांजपे ने की, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में आयुर्वेद संकाय के काय चिकित्सा विभाग के प्रो. ओम प्रकाश सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत महामना पं. मदन मोहन मालवीय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इसमें छात्रों को ग्रामीण जीवन, गाय और आयुर्वेद के महत्व के बारे में बताया।
संकाय प्रमुख प्रो. बिन्द्रा परांजपे ने मुख्य वक्ता को मोमेंटो और दुपट्टा भेंट कर सम्मानित किया। केंद्र के समन्वयक डॉ. आलोक कुमार पांडेय ने स्वागत भाषण के दौरान केंद्र की पूर्व उपलब्धियों और भविष्य की कार्य योजनाओं की जानकारी दी। असिस्टेंट रजिस्ट्रार एल. बी. पटेल का सम्मान परियोजना अधिकारी डॉ. भूपेंद्र प्रताप सिंह द्वारा किया गया।
प्रो. बिन्द्रा परांजपे ने भारतीय संस्कृति में गाय और गौवंश की ऐतिहासिक भूमिका पर प्रकाश डाला, साथ ही महाभारत और अन्य ग्रंथों में वर्णित गाय की उपयोगिता के बारे में बताया। मुख्य वक्ता प्रो. ओपी सिंह ने आयुर्वेद में गाय से प्राप्त उत्पादों दूध, घी, दही आदि के औषधीय लाभों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि ये उत्पाद अनेक रोगों के उपचार में सहायक होते हैं। विद्यार्थियों ने भी उत्साहपूर्वक सवाल पूछे जिनका प्रो. सिंह ने संतोषजनक उत्तर दिया।
धन्यवाद ज्ञापन डॉ. भूपेंद्र प्रताप सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि गाय और किसान का संबंध भारतीय ग्रामीण जीवन की आत्मा है। कार्यक्रम का संचालन आकाश पात्रा और नेन्सी शर्मा ने किया। इस अवसर पर आरती विश्वकर्मा, सिद्धांत, आस्था, अमर, अनिल कुमार भूषण, रामजी, सतीश कुमार वर्मा और राजनाथ समेत कई छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।