सोनम वांगचुंग के क्लाइमेट फास्ट के समर्थन में बनारस में उपवास, सरकार की नीतियों को लेकर रोष
वाराणसी। प्रख्यात वैज्ञानिक समाजसेवी सोनम वांगचुंग लद्दाख में पिछले 16 दिन से अनशन पर बैठे हैं। माइनस 12 से 15 डिग्री के बेहद खराब मौसम में चल रहे इस अनशन को बनारस का भी समर्थन मिला है। मैदागिन के टाउनहाल में बापू प्रतिमा के सामने साझा संस्कृति मंच के आह्वान पर सामाजिक राजनैतिक बुद्धिजीवियों ने उपवास किया। इस दौरान सरकार की नीतियों को लेकर नाराजगी दिखी।
पूर्ण लोकतांत्रिक राज्य का दर्जा और संविधान की छठीं अनुसूची लागू करने की मांग को लेकर केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख़ के जाने-माने पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक 21 दिन के अनशन पर हैं। केंद्र सरकार से इस दिशा में बातचीत विफल रहने के बाद वांगचुक ने अपना अनशन छह मार्च को शुरू कर दिया था। उपवास स्थल पर जुटे लोगो में 370 हटाए जाने के बाद बीजेपी सरकार द्वारा किए गए वादों को पूरा न किए जाने के प्रति आक्रोश दिखा। आम जनता में व्हाट्सऐप संदेश भेजे गए कि कश्मीर में जमीन ले पाएंगे और ये दूसरी आज़ादी है। लेकिन इसके विपरीत जम्मू कश्मीर और लद्दाख में अडानी अम्बानी को जमीन औने पौने दाम में दे दी गयी। इसके अलावा, 370 हटा कर दूसरी आजादी देने के झूठ के नेपथ्य में पर्यटन सम्बंधित ऐसी नीतियां लागू कर दी गयीं हैं, जिसका लाभ स्थानीय निवासियों के बजाये देश विदेश के बड़े व्यावसायियों को मिलता है।
वांगचुंग जी के अनशन के समर्थन में एकजुटता प्रदर्शन के लिए एक दिनी उपवास कार्यक्रम में रामधीरज, रविन्द्र दुबे, जागृति राही, डॉ आनंद प्रकाश तिवारी, प्रो आनंद कुमार, सिस्टर फ़्लोरिन, डॉ इंदु पांडेय, विनोद जायसवाल, नंदलाल मास्टर, आत्म प्रकाश, धनंजय, रोशन पांडेय, एकता शेखर, मृदुला मंगलम, योगेंद्र यादव, रोहन, कुणाल, रवि, अनूप श्रमिक,संजय कुमार, नीरज, मनीष, जितेंद्र, कहकशा, शांतनु आदि शामिल रहे।