मिट्टी और पानी जीवन के स्रोत, विश्व मृदा दिवस पर बीएचयू में कार्यक्रम

विश्व मृदा दिवस के अवसर पर मंगलवार को बीएचयू कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें मिट्टी व पानी के महत्व को लेकर चर्चा हुई। साथ ही मिट्टी की सेहत सुधारने पर जोर दिया गया। 
 

वाराणसी। विश्व मृदा दिवस के अवसर पर मंगलवार को बीएचयू कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें मिट्टी व पानी के महत्व को लेकर चर्चा हुई। साथ ही मिट्टी की सेहत सुधारने पर जोर दिया गया। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर आरएस सिंह, एनबीएसएस एवं एलयूपी, उदयपुर रहे। कार्यक्रम का प्रारम्भ गणमान्य अतिथियों ने महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दिया। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जनार्दन यादव ने स्वागत भाषण दिया और निदेशक, कृषि विज्ञान संस्थान, प्रोफेसर एसवीएस राजू ने सतत विकास के लिए मिट्टी और जल पारिस्थितिकी तंत्र के महत्व के बारे में बात की। प्रोफेसर एसके सिंह ने विश्व मृदा दिवस के महत्व को समझाया। इस अवसर पर ऑनलाइन मृदा स्वास्थ्य कार्ड के साथ 'बीएचयू-विजन' नामक मृदा परीक्षण किट का प्रोफेसर राजू ने उद्घाटन किया। वहीं विभिन्न प्रतियोगिताएं जैसे- क्विज़, स्लोगन राइटिंग और पोस्टर मेकिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र रहीं। वर्ष 2013 के अंत में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 5 दिसंबर 2014 को पहले आधिकारिक विश्व मृदा दिवस (डब्ल्यूएसडी) के रूप में नामित किया। इस दिन का मुख्य उद्देश्य कृषि खाद्य प्रणालियों को प्राप्त करने में मिट्टी और पानी के स्वास्थ्य में सुधार करना है। विश्व मृदा दिवस न केवल मिट्टी का जश्न मनाता है बल्कि मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार के लिए दुनिया भर के नागरिकों को भी शामिल करता है। इस वर्ष एफएओ ने थीम "मिट्टी और पानी: जीवन का स्रोत" घोषित की है।

प्रतियोगिताओं का मूल्यांकन प्रो. एसके सिंह, प्रो पी राहा और डॉ. ए रक्षित ने किया। विजेताओं को अतिथियों ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया। मुख्य अतिथि का अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम में प्रो एन डे, प्रो सुरेंद्र सिंह, डॉ वाई वी सिंह और डॉ आर मीना शामिल हुए। इस कार्यक्रम में यूजी और पीजी के लगभग 200 छात्र-छात्राएं शामिल हुए। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. पीके शर्मा, सचिव, आईएसएसएस, वाराणसी चैप्टर ने दिया। मंच संचालन जैन्सी गर्ग ने किया। पीएचडी छात्र मुनेश कुमार शुक्ला, दिव्य ज्योति पांडा, सर्वश्री गोस्वामी, काजल सिंह, पुरूषोत्तम, मधुलिका, चंदन, ममता कुमारी, श्वेता कुमारी, शुभम जयसवाल, स्मिता सिन्हा, सुभम संभव, दीपक एवं सब्यसाची कोले ने कार्यक्रम में अपना योगदान दिया।