चार माह के लिए शयन करेंगे श्रीहरि विष्णु, बंद हो जाएंगे मांगलिक कार्य

चातुर्मास में श्री हरि विष्णु योग निद्रा में चले जाएंगे। इसके साथ ही चार माह तक मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। इस दौरान अनुष्ठान होंगे, लेकिन मांगलिक कार्य नहीं किए जाएंगे। इस दौरान सन्यासी एक ही स्थान पर वास कर प्रभु का भजन करते हैं। न
 

वाराणसी। चातुर्मास में श्री हरि विष्णु योग निद्रा में चले जाएंगे। इसके साथ ही चार माह तक मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। इस दौरान अनुष्ठान होंगे, लेकिन मांगलिक कार्य नहीं किए जाएंगे। इस दौरान सन्यासी एक ही स्थान पर वास कर प्रभु का भजन करते हैं। 

पंचांग के अनुसार आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 16 जुलाई को रात 8.35 बजे से शुरू होगी। वहीं 17 जुलाई को रात 9.04 बजे तक रहेगी। इसके साथ ही चातुर्मास अनुष्ठान शुरू होंगे और कार्तिक शुक्ल पक्ष की देव प्रबोधिनी एकादशी 12 नवंबर तक चलेंगे। काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य पं. दीपक मालवीय ने बताया कि श्री विष्णु उपासक, साधु, संत और साधकों को देवशयनी एकादशी से देवप्रबोधिनी एकादशी तक अपने के अन्यत्र कुछ भी ग्रहण करने से बचना चाहिए। 

चातुर्मास के दौरान विवाह समारोह, सगाई, मुंडन, बच्चे का नामकरण, गृहप्रवेश सहित मांगलिक कार्य की मनाही रहती है। चार माह का व्रत रखते हैं या कोई विशेष साधना करते हैं तो इस बीच यात्रा न करें। दही, मूली, बैगन, साग आदि खाना वर्जित होता है। चातुर्मास में श्री हरि विष्णु की उपासना करनी चाहिए। विशेष अनुष्ठान, मंत्र जाप, गीता पाठ कर सकते हैं। दान-पुण्य जरूर करें।