बरेका में मंडल राजभाषा कार्यान्वयन समिति की संगोष्ठी, हिंदी की महत्ता पर चर्चा, काशी प्रतिबिंद ई-पत्रिका का विमोचन 

मंडल रेल प्रबंधक विनीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में भारतेंदु सभागार कक्ष में मंडल  राजभाषा कार्यान्वयन समिति,वाराणसी मंडल की तिमाही बैठक, तकनीकी संगोष्ठी का आयोजन बुधवार को किया गया। इसमें हिंदी की महत्ता पर चर्चा की गई। वहीं काशी प्रतिबिंब ई-पत्रिका का विमोचन किया गया। 
 

वाराणसी। मंडल रेल प्रबंधक विनीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में भारतेंदु सभागार कक्ष में मंडल  राजभाषा कार्यान्वयन समिति,वाराणसी मंडल की तिमाही बैठक, तकनीकी संगोष्ठी का आयोजन बुधवार को किया गया। इसमें हिंदी की महत्ता पर चर्चा की गई। वहीं काशी प्रतिबिंब ई-पत्रिका का विमोचन किया गया। 

इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक ने कहा कि हिंदी भारत संघ की राजभाषा है। प्राचीन काल से ही हिंदी देशभर में संपर्क भाषा के रुप में कार्य करती रही है। यह हर्ष का विषय है कि राजभाषा विभाग द्वारा "काशी प्रतिबिंब" ई-पत्रिका का विमोचन किया जा रहा है। इसे रेलकर्मियों ने अपनी रचनाओं से समृद्ध करने का कार्य किया है। साथ ही तकनीकी गोष्ठी के अंतर्गत चिकित्सा विभाग द्वारा प्रस्तुति का आयोजन किया गया है। चिकित्सा गोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ. नीरज कुमार ने अपने निरीक्षण रपटों में हिंदी पैरा का उल्लेख अवश्य करें। विभागीय बैठकों में हिंदी के प्रयोग पर भी चर्चा करें एवं उसका उल्लेख करें। 

मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित मंडल चिकित्सालय के अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. नीरज कुमार ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि 1960 में पुनर्जीवन अग्रदूत डॉ. कोउवेनहोवेन, सफ़र और जूड ने कार्डियोपल्मोनरी पुनर्जीवन बनाने के लिए छाती को दबाने के साथ मुंह से मुंह से सांस लेने का संयोजन किया। जीवन बचाने वाली क्रियाएं जिन्हें अब हम सीपीआर कहते हैं। 

यह हार्टअटैक (कार्डियक अरेस्ट) के दौरान जीवन बचाने में मदद कर सकता है, जब दिल धड़कना बंद कर देता है या मस्तिष्क और अन्य महत्वपूर्ण अंगों में रक्त संचार करने के लिए बहुत अप्रभावी रूप से धड़कता है तो कार्डियोपल्मोनरी पुनर्जीवन एक आपातकालीन प्रक्रिया है। इसमें अक्सर कृत्रिम वेंटिलेशन के साथ छाती को दबाया जाता है, या मुंह से मुंह को मैन्युअल रूप से अक्षुण्ण मस्तिष्क तालमेल  को संरक्षित करने के प्रयास में किया जाता है जब तक कि कार्डियक अरेस्ट वाले व्यक्ति में सहज रक्त परिसंचरण और श्वास को बहाल करने के लिए आगे के उपाय किए जाते हैं। 

इसके पूर्व सभी का स्वागत करते हुए अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं अपर मंडल रेल प्रबंधक (इन्फ्रा) रोशन लाल यादव ने कहा कि वाराणसी मंडल राजभाषा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कार्य कर रहा है। इसी का परिणाम है कि वाराणसी मंडल को इस वर्ष नगर राजभाषा की शील्ड तथा मुख्यालय स्तर की अंतर्मंडलीय राजभाषा कार्यकुशलता ट्रॉफी प्राप्त हुई हैI  वेबसाइट के क्षेत्र में मंडल ने  सराहनीय प्रगति की है। मेरा आग्रह है कि जिन विभागों के लिंक में अभी भी द्विभाषी सामग्री अपलोड नहीं है, वे द्विभाषी सामग्री अपलोड करें एवं सभी विभाग इसकी नियमित मॉनिटरिंग करें।  उम्मीद है कि इस दिशा में आप सभी का सहयोग हमेशा मिलता रहेगा और हमारा मंडल राजभाषा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका प्रदान करता रहेगा। 


राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक एवं तकनीकी संगोष्ठी का संचालन करते हुए वरिष्ठ आंकड़ा संसाधन प्रबंधक सह राजभाषा अधिकारी नवनीत कुमार वर्मा ने राजभाषा पर सुझावों पर विस्तृत चर्चा की। इस अवसर पर अपर मंडल रेल प्रबंधक (आप) राजेश कुमार सिंह, मुख्य परियोजना प्रबंधक (गतिशक्ति) कौशलेश सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक आरजे चौधरी, वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त एस कृष्णन, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक शेख रहमान, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर (सामान्य) पंकज केशरवानी, वरिष्ठ मंडल सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर प्रथम रजत प्रिय,  वरिष्ठ मंडल विद्युत  इंजीनियर(कर्षण) आरएन सिंह, वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी समीर पाँल,  वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर (कैरज एवं वैगन ) अपूर्व स्वर्णकार,सहायक मंडल परिचालन प्रबंधक हीरालाल आदि रहे। धन्यवाद ज्ञापन राजभाषा अधिकारी नवनीत कुमार वर्मा ने किया।